फ्री तीर्थ यात्रा में जुड़े 7 नए रूटः केजरीवील

Wednesday, Jul 31, 2019 - 04:58 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के लिए 7 और रूटों को अनुमति दे दी है। पहले के 5 रूट सहित अब 12 रूट पर यात्रा हो सकेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवील की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के निर्णय लिए गए। बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों की भारी मांग पर नए रूट जोड़े गए हैं। ये सातों रूट दक्षिण के प्रमुख तीर्थ स्थलों से संबंधित हैं। 

साथ ही, सरकार तीर्थ यात्रा पर जाने वाले बुजुर्गों व उनके अटेंडेंट के रहने की व्यवस्था भी एसी होटलों में करने जा रही है। केजरीवाल ने कहा कि इस यात्रा के तहत पहली ट्रेन अमृतसर और वैष्णो देवी गई थी। इसका अनुभव बहुत अच्छा रहा। वहां गए बुजुर्गों और अन्य लोगों से प्राप्त हुए सुझावों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने इस योजना के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किया। अब सात रूट और जोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा वर्तमान अजमेर-पुष्कर रूट में हल्दी घाटी को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा किसी भी इलाके के विधायक के अलावा सरकार का कोई भी मंत्री और तीर्थ यात्रा विकास समिति के चेयरमैन भी यात्रा पर जाने वाले बुजुर्गों के निवास से संबंधित प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। 

जोड़े गए सात रूट                            
दिल्ली-रामेश्वरम-मदुरै-दिल्ली                    8 दिन
दिल्ली-तिरुपति-दिल्ली                            7 दिन 
दिल्ली-द्वारकाधीश-नागेरश्वर-दिल्ली            6 दिन 
दिल्ली-जगन्नाथपुरी-कोणार्क-भुवनेश्वर       7 दिन
दिल्ली-शिरडी-शनि शिंगलापुर-दिल्ली         5 दिन 
दिल्ली-उज्जैन-ओंकारेश्वर-दिल्ली               6 दिन 
दिल्ली-बोधगया-सारनाथ ( सुनिश्चित किया जाना है )  

दुर्घटना पीड़ितों का इलाज न करने पर कार्रवाई 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में दुर्घटना के पीड़ितों का इलाज करने से इंकार करने के खिलाफ निजी अस्पतालों को आगाह करते हुए कहा है कि ऐसा करने वाले अस्पतालों का लाइसेंस रद्द करने से सरकार नहीं हिचकेगी। केजरीवाल ने कहा कि फरवरी 2018 में आप सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना के बावजूद कुछ अस्पताल दुर्घटना पीड़ितों का इलाज करने से मना कर रहे हैं। जबकि मरीजों के इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार वहन करती है। 

मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंगलवार को निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की, जिसमें इस योजना को लागू करने में उन्हें पूरा सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का भी एक आदेश है जिसके अनुसार कोई भी अस्पताल दुर्घटना के पीड़ितों का इलाज करने से इंकार नहीं कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, 2018 में दिल्ली सरकार की इस योजना के शुरू होने के बाद से 2501 लोगों का इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पहले एक घंटे में अगर उसको मेडिकल की सुविधा मिल जाए तो दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की जान बचने के आसार काफी ज्यादा रहते हैं।

Pardeep

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