रोजाना 7 सिगरेट पीने के बराबर है दिल्ली की हवा में सांस लेना!

Monday, May 28, 2018 - 03:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: : दिल्ली में धुम्रपान से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली के वायु प्रदूषण का हाल यह है कि इसमें सांस लेना कठिन हो रहा है। यहां सांस लेने का अर्थ है कि प्रतिदिन 7 सिगरेट का धुआं शरीर में जाने के बराबर है। दोपहर बाद स्थिती और भी बदतर हो जाती है। पिछले महीने पैरिस में लॉन्च किए गए एक एप में वायु प्रदुषण और सीगरेट पीने के बीच वास्तविक संतुलन को लेकर एक अध्ययन किया गया जिसमें यह बात सामने आई। 

अध्ययन के अनुसार लखनऊ में 8, जयपुर में 7.3, बेंगलुरु में 0.7,चंडीगढ़ में 6.1, रांची में 3.3, इंदौर में 3.9, कोलकाता में 3.5 और अन्य शहरों की हवा एक दिन में 2 से 7 सिगरेट का धुआं शरीर में जाने के बराबर है। जब वातावरण में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है तो यह फेफड़े और हार्ट के लिए काफी खतरनाक हो जाता है। 2.5 माइक्रोन आकार से कम वाले एयर पॉल्यूटेंट फेफड़ों में घुस कर अंदर की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ब्लड में पहुंचने पर ये हार्ट की धमनियों (अर्टरीज) में सूजन कर सकते हैं। 

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया था, जबकि मुंबई इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है। डब्ल्यूएचओ के एयर क्वालिटी के आकड़ो के अनुसार दोनों ही शहर सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शीर्ष पर हैं। मिश्र का शहर ग्रेटर कायरो इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है, इसके बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका नंबर आता है, यह तीसरे स्थान पर है, जबकि चीन राजधानी बीजिंग इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर है।

WHO ने 100 देशों के 4,000 से अधिक शहरों में हवा की स्‍वच्‍छता के आधार पर यह आकलन किया है। इसके मुताबिक, राष्‍ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र और दिल्‍ली सरकारों की तमाम कोशिशें नाकाफी ही साबित हुई है। 

vasudha

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