66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख EC की शिकायत की, कामकाज पर उठाए सवाल

Tuesday, Apr 09, 2019 - 10:32 AM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के पहले चरण के शुरू होने में बस दो दिन रह गए हैं। चुनावी मौसम प्रचार अपने जोरों पर है और आचार संहिता का भी जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। इसी बीच 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर चुनाव आयोग के कामकाज को लेकर चिंता व्यक्त की है। नौकरशाहों ने अपने पत्र में चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए 'ऑपरेशन शक्ति' के दौरान एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म, वेब सीरीज और भाजपा के कई नेताओं के आपत्तिजनक भाषणों का जिक्र भी किया गया है। पत्र में लिखा गया कि केंद्र सरकार अपने रुतबे का मनमाने ढंग से दुरुपयोग कर रहे हैं। नौकरशाहों ने लिखा कि आचार संहिता का खूब उल्लंघन हो रहा है लेकिन इसमें चुनाव की भूमिका सवालिया है। चुनाव आयोग ने सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की है। राष्ट्रपति को पत्र लिखने से पहले नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा और आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने की बात कही थी।

इन अधिकारियों ने लिखा पत्र
पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर जैसे पूर्व नौकरशाह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा।

चुनावी सर्वे पर रोक
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान के पहले दिन 11 अप्रैल से लेकर मतदान के अंतिम दिन 19 मई तक चुनाव को लेकर किसी भी तरह के सर्वेक्षण कराने तथा इनके प्रकाशन और प्रसारण पर सोमवार को रोक लगा दी। चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 11 अप्रैल की सुबह सात बजे से 19 मई की शाम 1830 तक प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया की ओर से किसी भी प्रकार के चुनाव सर्वेक्षण कराने या इसके प्रकाशन तथा प्रसारण पर पूरीतरह रोक लगा दी गई है। इस दौरान चुनाव बाद किसी प्रकार के सर्वेक्षण पर भी पूरी तरह रोक रहेगी जिसका प्रकाशन या प्रसारण नहीं किया जा सकेगा। बता दें कि 23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे।

Seema Sharma

Advertising