कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन का 55वां दिन, दिल्ली बॉर्डर पर मनाया जाएगा महिला किसान दिवस

Monday, Jan 18, 2021 - 01:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 55 दिनों से धरने पर बैठे किसान अपनी मांगों को लेकर अड़ हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते वे लोग घर वापसी नहीं करेंगे। 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड है। इसी बीच सोमवार को दिल्ली बॉर्डर पर महिला किसान दिवस मनाया जा रहा है। महिला किसान दिवस में हिस्सा लेने क लिए मोहाली और पंजाब के अन्य गांवों से महिलाएं बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंच रही हैं। दिल्ली पहुंच रही महिलाओं ने कहा कि वे किसान संघर्ष की कामयाबी के लिए हर रोज अरदास करती हैं। 

पुलिस अलर्ट
किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस अलर्ट है और राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं मुल्लांपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस भी हालात पर नजर बनाए है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

2024 तक आंदोलन को तैयार किसान
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘मई 2024 तक' प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन ‘वैचारिक क्रांति' है। नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी पर कानूनी गारंटी चाहते हैं। देश में अगले लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 के आसपास ही होने की संभावना है। ‘अमीर किसानों' द्वारा प्रदर्शन में मदद किये जाने के आरोपों को खारिज करते हुए टिकैत ने कहा कि गांवों और अनेक संगठनों के लोगों ने इसमें भाग लिया है।

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों नए कानूनों को वापस लिया जाए जिन्हें केंद्र ने कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार बताया है। किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानून MSP के सुरक्षा घेरे को समाप्त करने और मंडी प्रणाली को बंद करने का रास्ता साफ करेंगे।

Seema Sharma

Advertising