महंत शिवकुमार स्वामी से लेकर चुनाव आयोग पर चर्चा, पढ़ें मोदी के मन की खास बातें

Sunday, Jan 27, 2019 - 01:32 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर महंत शिवकुमार स्वामी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52वें संस्करण में कहा कि कर्नाटक में टुमकुर जिले के सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी हमारे बीच नहीं रहे। शिवकुमार स्वामी जी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज-सेवा में समर्पित कर दिया। भगवान बसवेश्वर ने हमें सिखाया है - ‘कायकवे कैलास’ - अर्थात् कठिन परिश्रम करते हुए अपना दायित्व निभाते जाना, भगवान शिव के निवास-स्थान, कैलास धाम में होने के समान है।’’

मोदी के मन की खास बातें

  • शिवकुमार स्वामी इसी दर्शन के अनुयायी थे और उन्होंने अपने 111 वर्षों के जीवन काल में हजारों लोगों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया। उनकी ख्याति एक ऐसे विद्वान के रूप में थी, जिनकी अंग्रेकाी, संस्कृत और कन्नड़ भाषाओं पर अछ्वुत पकड़ थी। वह एक समाज सुधारक थे।
  • सिद्धगंगा मठ नियमित रूप से पशु और कृषि मेलों का आयोजन करता था। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की स्वामी जी के लिए एक अंग्रेजी कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह शिवकुमार स्वामी जी के जीवन और सिद्धगंगा मठ के मिशन को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत करती है।
  • चुनाव आयोग लोकतंत्र को मजबूत करने में इसकी महत्वपूर्ण तथा निरंतर भूमिका रहा है और यह प्रत्येक मतदाता को निर्वाचन प्रक्रिया में हिस्सा लेने का पुखेता इंतजाम करता है।
  • चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं और यह गणतंत्र से भी पुराना है।
  • भारत में जिस पैमाने पर चुनाव का आयोजन होता है, उसे देखकर दुनिया के लोगों को आश्चर्य होता है और हमारा चुनाव आयोग जिस बखूबी से इसका आयोजन करता है, इसे देखकर प्रत्येक देशवासी को चुनाव आयोग पर गर्व होना स्वाभाविक है।
  • चुनाव आयोग देश में यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता कि भारत का प्रत्येक नागरिक, जो एक पंजीकृत मतदाता है, उसे मतदान करने का अवसर अवश्य मिलना चाहिये।
  • युवाओं से स्वयं को मतदाता के रुप में पंजीकृत कराने और मतदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे भारतीय लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी और उनके सपने देश के साथ जुड़ सकेंगे।
  • इस साल देश में लोकसभा के चुनाव होंगे, यह पहला अवसर होगा जब 21वीं सदी में जन्में युवा लोकसभा चुनावों में अपने मत का उपयोग करेंगे। उनके लिए देश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने का अवसर आ गया है। अब वे देश में निर्णय प्रक्रिया के हिस्सेदार बनने जा रहे हैं।
  • खुद के सपनों को, देश के सपनों के साथ जोड़ने का समय आ चुका है
  • मतदान करना मेरा कर्तव्य है- ये भाव हमारे भीतर पनपना चाहिए। जीवन में कभी किसी भी कारण से, अगर मतदान नहीं कर पाए तो बड़ी पीड़ा होनी चाहिए। कभी कहीं देश में कुछ गलत होता हुए देखें तो दु:ख होना चाहिए। मैंने वोट नहीं दिया था, उस दिन मैं वोट देने नहीं गया था - इसका ही खामियाजा आज मेरा देश भुगत रहा है। हमें इस जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए।
  • देश की जानी-मानी हस्तियों से आग्रह किया कि उन्हें मतदाता पंजीकरण कराने और फिर मतदान के दिन वोट दिलाने का अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए।
  • मुझे उम्मीद है कि भारी संख्या में युवा मतदाता के रूप में पंजीकृत होंगे और अपनी भागीदारी से लोकतंत्र को और मजबूती प्रदान करेंगे।
  • दिल्ली के लालकिले में स्थापित ‘क्रांति मंदिर’ जरूर देखने जाए। राष्ट्र के नायकों के शौर्य और देशभक्ति को नई पीढ़ी तक बार-बार और अलग-अलग रूप से निरंतर पहुंचाने की आवश्यकता होती है।
  • देश के महापुरुषों ने मानवता के लिए कुछ अद्भुत और अविस्मरणीय कार्य किए हैं।
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती 23 जनवरी को पूरे देश ने एक अलग अंदाज में मनाई गई। इस अवसर पर आजादी के संघर्ष में अपना योगदान देने वाले वीरों को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन किया गया। लाल किले के भीतर बंद कमरों को बहुत सुन्दर संग्रहालयों में बदला गया है। इनमें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, आजाद हिंद फौज, याद-ए-जलियां और 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित संग्राहलय बनाए गए हैं और इस पूरे परिसर को ‘क्रान्ति मन्दिर’ का नाम दिया गया है।
  • इन संग्रहालयों की एक-एक ईंट में, हमारे गौरवशाली इतिहास की खुशबू बसी है। संग्रहालय के चप्पे-चप्पे पर हमारे स्वाधीनता संग्राम के वीरों की गाथाओं को बयां करने वाली बातें इतिहास के भीतर जाने के लिए प्रेरित करती हैं। इसी स्थान पर, भारत मां के वीर बेटों- कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लो और मेजर जनरल शाहनवाका खां पर अंग्रेज हुकूमत ने मुकदमा चलाया था। इस क्रांति मंदिर को देखने जरूर जाएं।

 

Seema Sharma

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