PM मोदी के फैसले से 5 दिन में टूटी हवाला कारोबार की कमर, 80% की गिरावट

Monday, Nov 14, 2016 - 03:12 PM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपए के नोटों पर बैन लगाने के बाद जहां पूरे देश में अफरा -तफरी मची हुई है वहीं  मात्र तीन दिन में हवाल कारोबार में 80 प्रतिशत की गिरावट आ गई है।  इसका खुलासा इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की एक रिपोर्ट से हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक तीन दिनों के अंदर खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच एक भी हवाला ट्रांजेक्शन सामने नहीं आया है।
 

आईबी ने भेजी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट
आईबी ने गृह मंत्रालय को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दिनों के भीतर खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच एक भी हवाला ट्रांजेक्शन का मामला सामने नहीं आया। हवाला का कारोबार करने वाले ऑपरेटर्स फिलहाल अंडरग्राउंड हो गए हैं। रिपोर्ट में अधिकारियों ने बताया कि आठ नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में हवाला ऑपरेट्र्स अचानक से गायब हो गए। इनकी गतिविधियां नजर नहीं आईं।  आईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, नोटबंदी के बाद ऑपरेटर्स के अंडरग्राउंड होने के चलते मनी लॉन्ड्रिंग थम-सी गई है।

 

सट्टा बाजार में आई 75 फीसदी की कमी 
नोटबंदी का असर सट्टा बाजार पर भी साफ-साफ देखने को मिला। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरिज में पैसा लगाने वाले सट्टेबाज अब कम पैसा लगा रहे हैं। इसमें 75 फीसदी की कमी आई है। सट्टा उधारी पर लगाया जा रहा है। कई जगहों पर छापेमारी में सट्टेबाजों ने इसका खुलासा किया। आपको बता दें कि बड़ी संख्या में क्रिकेट के सट्टे में कालाधन खपाया जाता रहा है।
 

रुक सी गई है मनी लॉन्ड्रिंग 
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि हवाला ऑपरेटर्स के अंडरग्राउंड होने के कारण मनी लॉन्ड्रिंग रुक सी गई है। वहीं हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आईबी और एनआईए कश्मीर घाटी में हवाला फंडिग की जांच कर रहे हैं। आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घटी में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के कारण हवाला कारो​बारियों में डर है। वो कालेधन से घबरा रहे हैं और कोई खतरा नहीं उठाना चाहते। 

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