अब तक के 5 सबसे बड़े भूकंप, जिनमें लाखों लोगों ने गंवाई अपनी जान

punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 12:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भूकंप प्रकृति की सबसे शक्तिशाली आपदाओं में से एक है, जो मानवता के लिए भारी संकट लेकर आता है। पृथ्वी के अंदर होने वाली हलचलें भूकंप का कारण बनती हैं, जो अक्सर बेहद विनाशकारी साबित होती हैं। खासकर जब भूकंप की तीव्रता बहुत ज्यादा होती है, तो यह बड़े पैमाने पर जीवन और संपत्ति का नुकसान कर सकता है। आज हम आपको पांच सबसे भयानक भूकंपों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें लाखों लोगों की मौत हुई और पूरी दुनिया को उनके परिणामों से चौंका दिया।

1. 1556 का शांक्सी भूकंप (1556 Shaanxi Earthquake) - चीन

तिथि: 23 जनवरी 1556  
भूकंप की तीव्रता: 8.0 मापी गई  
स्थल: शांक्सी प्रांत, चीन  

1556 में चीन के शांक्सी प्रांत में एक भयंकर भूकंप आया था, जिसे अब तक का सबसे घातक भूकंप माना जाता है। इस भूकंप ने चीनी इतिहास में एक भयानक कालखंड की शुरुआत की। यह भूकंप न केवल तीव्र था, बल्कि इसकी गहराई भी अधिक थी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर तबाही मच गई। 

- मृतकों की संख्या: इस भूकंप में लगभग 8,00,000 लोग मारे गए थे, जो इसे अब तक के सबसे घातक भूकंपों में से एक बनाता है।
- विनाश: इस भूकंप के कारण हजारों घर और इमारतें गिर गईं। अधिकांश मौतें मलबे में दबने के कारण हुईं। उस समय के अव्यवस्थित शहरों और असुरक्षित निर्माण ने इस भूकंप के प्रभाव को और भी बढ़ा दिया।  

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2. 2004 का हिन्द महासागर भूकंप (2004 Indian Ocean Earthquake) - इंडोनेशिया

तिथि: 26 दिसंबर 2004  
भूकंप की तीव्रता: 9.1-9.3  
स्थल: सुमात्रा द्वीप, इंडोनेशिया  
26 दिसंबर 2004 को एक विशाल भूकंप आया, जो सुमात्रा द्वीप के पास हिन्द महासागर में हुआ। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसके कारण उत्पन्न होने वाली सुनामी ने कई देशों के तटीय इलाकों को तबाह कर दिया। 

- मृतकों की संख्या: इस भूकंप और उसके बाद आई सुनामी में लगभग 2,30,000 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, बांग्लादेश, और इंडोनेशिया में थे।  
- विनाश: भूकंप के बाद समुद्र में आई विशाल सुनामी ने समुद्र के किनारे बसे देशों के तटीय इलाकों को बर्बाद कर दिया। हजारों किलोमीटर दूर तक सुनामी के प्रभाव से हजारों लोग प्रभावित हुए। सबसे बुरा हाल इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और भारत के तटीय इलाकों का था।

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3. 2010 का हैती भूकंप (2010 Haiti Earthquake)

तिथि: 12 जनवरी 2010  
भूकंप की तीव्रता: 7.0  
स्थल: पोर्ट-औ-प्रिंस, हैती  
12 जनवरी 2010 को हैती में एक शक्तिशाली 7.0 तीव्रता वाला भूकंप आया, जिसने इस गरीब देश को पूरी तरह से तबाह कर दिया। भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के पास था और इसने पूरी शहर को ध्वस्त कर दिया।

- मृतकों की संख्या: लगभग 2,30,000 से ज्यादा लोग मारे गए, और 3,50,000 से अधिक लोग घायल हुए।  
- विनाश: भूकंप के कारण लगभग 1.5 मिलियन लोग बेघर हो गए। हैती की कमजोर आधारभूत संरचनाओं और सीमित आपदा प्रबंधन संसाधनों के कारण राहत कार्य बहुत धीमे और कठिन साबित हुए।  

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 4. 1999 का इज़मिट भूकंप (1999 İzmit Earthquake) - तुर्की

तिथि: 17 अगस्त 1999  
भूकंप की तीव्रता: 7.4  
स्थल: इज़मिट, तुर्की  

1999 में तुर्की में एक जबरदस्त भूकंप आया, जिसका केंद्र इज़मिट क्षेत्र था, जो इस्तांबुल के नजदीक था। यह भूकंप तुर्की के बड़े हिस्से में महसूस किया गया था और कई शहरों में भारी तबाही मचाई।

- मृतकों की संख्या: लगभग 17,000 से 18,000 लोग मारे गए, और 250,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे।  
- विनाश: इज़मिट और इस्तांबुल शहरों में बहुत से इमारतें ढह गईं। भूकंप के बाद तुर्की में बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाए गए, लेकिन भारी नुकसान और बंद पड़ी सेवाओं के कारण काम में कठिनाई आई।  

5. 1906 का सैन फ्रांसिस्को भूकंप (1906 San Francisco Earthquake) - अमेरिका

तिथि: 18 अप्रैल 1906  
भूकंप की तीव्रता: 7.9  
स्थल: सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया, अमेरिका  

18 अप्रैल 1906 को कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में एक शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। भूकंप के कारण संपूर्ण शहर में आग लग गई, जो महीनों तक फैलती रही।  
- मृतकों की संख्या: अनुमानित तौर पर 3,000 से 6,000 लोग मारे गए थे।  
- विनाश: इस भूकंप में सैन फ्रांसिस्को और आसपास के इलाकों में हजारों इमारतें नष्ट हो गईं। भूकंप के बाद आग ने और भी तबाही मचाई, जिससे पूरा शहर जलकर खाक हो गया।

दुनिया भर में भूकंप-रोधी तकनीकों का इस्तेमाल
इन भूकंपों ने न केवल इंसान की जान ली, बल्कि पूरे समाज की बुनियादी संरचनाओं को भी नष्ट कर दिया। भूकंप आने के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए कई देशों को अंतरराष्ट्रीय सहायता की जरूरत पड़ी। यदि भूकंप के प्रभाव से बचाव के उपाय पहले से किए जाते, तो शायद इनकी विनाशकता कम हो सकती थी। भूकंप से बचाव के लिए अब दुनिया भर में भूकंप-रोधी तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है, जैसे मजबूत भवन निर्माण, भूकंप चेतावनी प्रणाली, और आपातकालीन राहत टीमों की तत्परता।

भविष्य के लिए हमेशा रहे त्यार 
इन भीषण घटनाओं ने हमें यह सिखाया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियां बेहद जरूरी हैं। भूकंप के खतरे को कम करने के लिए सरकारों और संबंधित एजेंसियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। भवन निर्माण में भूकंप-रोधी तकनीकों को अपनाना और लोगों को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करना इस दिशा में प्रमुख कदम हो सकते हैं। भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है अगर सही समय पर तैयारी की जाए।


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Content Editor

Mahima

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