सरकारी स्कूलों के 40 विद्यार्थियों ने पास की जे.ई.ई. (एडवांस्ड) परीक्षा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 08:19 PM (IST)



चंडीगढ़, 3 जून:(अर्चना सेठी) पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री  हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों के 40 विद्यार्थियों ने कड़े मुकाबले वाली जॉइंट एंट्रेंस परीक्षा (जेईई) एडवांस्ड पास करके एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, जिससे अब उनके लिए देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में दाखिला लेने का रास्ता साफ हो गया है।

इस शानदार उपलब्धि के लिए इन होनहार विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और अध्यापकों को दिल से बधाई देते हुए स. बैंस ने कहा कि ये विद्यार्थी पंजाब का गौरव और देश का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों की सफलता सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के प्रति पंजाब सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का ठोस प्रमाण है।

एक होनहार विद्यार्थी की दिल को छू लेने वाली कहानी साझा करते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित कुमार गर्ग स्कूल ऑफ एमीनेंस, समाना के विद्यार्थी अर्शदीप सिंह ने जीवन में बड़े सदमे से गुजरने के बावजूद जेईई परीक्षा पास की है। अर्शदीप के पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां सुनीता रानी ने आठ हजार रुपये महीने पर सफाई कर्मचारी के रूप में काम किया। इस सब के बावजूद अर्शदीप की मां ने उसके सपनों और इरादों को पूरा करने का दृढ़ इरादा रखा। अर्शदीप ने पंजाब सरकार द्वारा दी गई मुफ्त कोचिंग और अपनी कड़ी मेहनत तथा अपनी मां व अध्यापकों के मार्गदर्शन व समर्थन से यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब एक आईआईटी क्वालीफायर के रूप में अर्शदीप अपने परिवार की परिस्थितियों को सुधार सकता है।

हरजोत सिंह बैंस ने फिरोजपुर जिले के एक सरकारी स्कूल के एक और विद्यार्थी लवप्रीत सिंह की कहानी साझा करते हुए बताया कि लवप्रीत ने निजी कोचिंग के बिना जेईई परीक्षा पास की है। अध्यापकों की मदद और मुफ्त कोचिंग के बदौलत लवप्रीत ने सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि लवप्रीत की कहानी गांवों के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर मुकाम हासिल करने हेतु सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही अकादमिक सहायता की शक्ति को दर्शाती है।

एक और विद्यार्थी की प्रेरणादायक कहानी साझा करते हुए, हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पटियाला जिले के एक सरकारी स्कूल के विद्यार्थी हरकिरण दास ने जेईई पास की है। उसके पिता मेवा दास एक फैक्ट्री में 7 हजार रुपये महीना पर काम करते हैं। इसके बावजूद हरकिरण के दृढ़ इरादे और अध्यापकों के मार्गदर्शन और मुफ्त कोचिंग कार्यक्रम ने उसे आर्थिक मुश्किलों के पार जाकर यह परीक्षा पास करने में मदद की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत अकादमिक सहायता, सवाल-जवाब सत्र और मार्गदर्शन ने उसे वांछित समर्थन प्रदान करके अपनी मंजिल की ओर बढ़ने में मदद की। उन्होंने कहा कि हरकिरण की कहानी अन्य विद्यार्थियों को मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ रहने हेतु प्रेरित करती है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये विद्यार्थी शिक्षा की शक्ति, जीवन में कुछ कर गुजरने के दृढ़ इरादे और समर्पण का ठोस प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों ने निचले स्तर से उठकर बड़े मुकाम हासिल करते हुए साबित कर दिया है कि दृढ़ता और कड़ी मेहनत से जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। इन विद्यार्थियों की सफलता निस्संदेह दूसरे विद्यार्थियों को अपनी पूरी क्षमता से अपनी मंजिल हासिल करने के लिए प्रयत्नशील रहने हेतु प्रेरित करती रहेगी।


शिक्षा मंत्री  बैंस ने कहा कि यह शानदार उपलब्धि मान सरकार की युवाओं को सशक्त बनाने और बराबरी के समाज के निर्माण, जहां हर विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता से आगे बढ़ते हुए तरक्की कर सके, के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हमारे विद्यार्थियों के लिए सिर्फ एक मील का पत्थर नहीं है, बल्कि जिंदगी को बदलने के लिए शिक्षा की शक्ति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयत्नशील रहेंगे कि पंजाब के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सफल होने के बराबर अवसर मिलें।

 


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Content Editor

Archna Sethi

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