दिल्ली में 40 प्रतिशत स्कूली बच्चे नशे की गिरफ्त में

Thursday, Jul 18, 2019 - 04:35 AM (IST)

नई दिल्ली: राजधानी में 40 प्रतिशत स्कूली बच्चे नशे की गिरफ्त में हैं। दिल्ली सरकार की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट 2018-19 के मुताबिक 2017-2018 में 40 प्रतिशत स्कूली बच्चे किसी न किसी तरह का नशा करते हुए पाए गए। इससे संबंधित एक गैजेट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया, जिसमें साफतौर पर यह कहा गया कि बच्चों को नशे की लत से दूर रखने के लिए उपाए किए जाएं। 

वहीं नशे के तौर पर इस्तेमाल होने वाली चीजों की स्कूल के आसपास उपलब्धता पर भी नजर रखी जाए और ऐसे विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई भी की जाए। दिल्ली सरकार बच्चों को नशे की गिरफ्त से उबारने के लिए गंभीर दिख रही है। अस्पतालों में ऐसे बच्चों के लिए हफ्ते में एक दिन स्पेशल ओपीडी लगाई जाएगी। 

वहीं सात अस्पतालों में 60 बिस्तरों की बढ़ोतरी की जाएगी ताकि, ऐसे बच्चों को जरूरत पडऩे पर उपचार दिया जा सके। ऐसे बच्चों को उबारने के लिए स्वास्थ्य विभाग स्कूल हेल्थ स्कीम के तहत नए कदम उठाने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की नई रणनीति में बच्चों में नशे की लत की रोकथाम, समय से पहले पहचान, इन बच्चों की काउंसलिंग और उपचार से संबंधित नई नीतियों के तहत कदम उठाए हैं। 

स्कूलों की रिपोर्ट : (2017-18)

  • 400-विद्यालय 
  • 35,0000-विद्यार्थियों की जांच 
  • 60,000-रेफरल मामले 
  • 24,000-आंख, कान और त्वचा  रोगों से पीड़ित बच्चे रेफर  

इन अस्पतालों में बढ़ेंगे बिस्तर, संचालित होगी विशेष ओपीडी  

  • इहबास
  • जीबी पंत अस्पताल
  • लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल
  • दीपचंद बंधु अस्पताल
  • बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल
  • दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल
  • पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल 

त्वचा, आंख और कान की समस्याओं से पीड़ित हैं बच्चे 
रिपोर्ट के नशे की लत में उलझे बच्चे तो सिर्फ एक पहलू हैं, जबकि इससे भी ज्यादा उन बच्चों की तादाद है जो त्वचा, आंख और कान से संबंधित परेशानियों का सामना कर रहे हैं। 2017-18 में राजधानी के 400 स्कूलों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें आंख, कान और त्वचा की समस्या से जूझ रहे बच्चों की तादाद 24000 पाई गई। 

Pardeep

Advertising