किताब में गिनाए दहेज लेने के 4 फायदे, छिड़ी बहस...प्रियंका चतुर्वेदी ने शिक्षा मंत्री से की शिकायत

Tuesday, Apr 05, 2022 - 01:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बीएससी द्वितीय वर्ष (BSc 2nd year) की एक किताब में दहेज प्रथा के फायदे गिनाए गए हैं। सोशल मीडिया पर इसकी कटिंग काफी वायरल हो रही है और अब दहेज पर नई बहस छिड़ गई है। शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर किताब की सामग्री को लेकर कार्रवाई की मांग की, जिसमें महिलाओं के खिलाफ ‘‘अपमानजनक' टिप्पणियां हैं।

चतुर्वेदी ने अपने पत्र में कहा कि टी के इंद्राणी द्वारा लिखी गई ‘सोशलॉजी फॉर नर्सेज' (Sociology for Nurses) पाठ्यपुस्तक दहेज प्रथा के 'गुण और फायदे' बताती है। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा के तथाकथित लाभों में से एक, जैसा कि किताब में लिखा गया है, "दहेज के बोझ के कारण, कई माता-पिताओं ने अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है। जब लड़कियां शिक्षित होती हैं या नौकरी करती हैं, तो दहेज की मांग कम होगी। यह एक अप्रत्यक्ष लाभ है।"

प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में कहा कि यह भयावह है कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक और समस्याग्रस्त पुस्तकें प्रचलन में हैं। दहेज के गुण बताने वाली पाठ्यपुस्तक वास्तव में हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद हो सकती है, यह देश और इसके संविधान के लिए शर्म की बात है।" चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह की पुस्तकों के प्रसार को तुरंत रोका जाना चाहिए और इन्हें पाठ्यक्रम से हटा दिया जाना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त उपाय किए जाने चाहिए कि भविष्य में इस तरह की महिला विरोधी सामग्री को न तो पढ़ाया जाए और न ही प्रचारित किया जाए। 

 

क्या लिखा है किताब में
किताब में लिखा है, "बदसूरत लड़कियों की शादी ठीकठाक दहेज के साथ अच्छे या बदसूरत दिखने वाले लड़कों के साथ की जा सकती है।" 

किताब में गिनाए दहेज के फायदे
1. दहेज नई गृहस्थी बसाने में मददगार होता है। भारत के कुछ हिस्सों में दहेज के रूप में- फ्रिज, बर्तन, कपड़े, टेलीविजन, पंखा, गद्दे, चारपाई और यहां तक की वाहन देने की प्रथा है।

2. पैतृक संपत्ति में हिस्सा। लड़की को दहेज के रूप में पैतृक संपत्ति का एक हिस्सा मिलता है।

3. लड़कियों में शिक्षा का प्रसार। दहेज के बोझ के कारण बहुत से माता-पिता ने अपनी बेटियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है। क्योंकि जब लड़कियां पढ़ी-लिखी, या नौकरीपेशा होंगी तो दहेज की मांग भी कम होगी। इस प्रकार यह एक अप्रत्यक्ष लाभ है। 

4. सुंदरता के सामाजिक पैमाने पर खरा ना उतरने वाली लड़कियों की शादी आकर्षक दहेज के चलते अच्छे या औसत दिखने वाले लड़के से की जा सकती है।


बता दें कि सोशल मीडिया पर भी इस किताब को लेकर बहस छिड़ी हुई है। लोग इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस किताब की अमेजन पर 4.5 रेटिंग है, जो सच में हैरान करने वाली है। बुक को अमेजन पर मिल रखी है 4.5 रेटिंग

Seema Sharma

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