राहत की खबर! 36 साल पुराना टीका बच्चों को देगा कोरोना से सुरक्षा,  नई स्टडी से मिले संकेत

Tuesday, Jun 22, 2021 - 08:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस महामारी की तीसरी संभावित लहर का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए सरकार ने तैयारियां कर ली है। तीसरी लहर में बच्चों के काफी संख्या में संक्रमित होने से जुड़ी चिंताओं के बीच एक नई स्टडी सामने आई है, जिसमें एक पुराने टीके को कोरोना के खिलाफ मुख्य हथियार माना गया है। 

 

कोरोना के खिलाफ 87 फीसदी तक असरदार है टीका: स्टडी 
 पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज के रिसर्च के अनुसार बच्चों को दी जाने वाली मीजल्स वैक्सीन वायरस के हमले से बचाने में बेहद कारगर है । अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार  शोध के दौरान यह सामने आया है कि खसरे की वैक्सीन कोविड के खिलाफ 87 फीसदी तक असरदार है और जिन बच्चों को वैक्सीन लगी थी, उन्हें कोरोना संक्रमण की आशंका, टीका नहीं लगवाने वाले बच्चों की तुलना में कम थी। 


शोध के लिए बच्चों के बनाए गए दो समूह 
इस शोध के लिए बच्चों के दो समूह बनाए गए।  इसमें एक समूह कोरोना संक्रमित (आरटीपीसीआर जांच से पुष्ट) बच्चों का था और दूसरा गैर संक्रमित बच्चों का था। स्टडी में यह बात सामने आई है कि मीजल्स वैक्सीन बच्चों में कोरोना संक्रमण के खिलाफ शुरुआती सुरक्षा देती है। बताया गया कि जिन बच्चों को मीजल्स वैक्सीन लगी थी उनमें कोरोना संक्रमण की आशंका वैक्सीन नहीं लेने वालों की तुलना में कम रही।


भारत के टीकाकरण व्यवस्था का हिस्सा है यह टीका
इस स्टडी में 1 साल से लेकर 17 साल तक के 548 बच्चों को शामिल किया गया था। पुणे के इस रिसर्च से उन दावों की पुष्टि हुई है,  जिसमें कहा जा रहा है कि बच्चो कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि उनमें मीजल्स और बीसीजी वैक्सीन की डोज लगने के बाद नॉन स्पेसिफिक इम्यूनिटी मौजूद है। खसरा टीका, बीते 36 सालों से भारत के टीकाकरण व्यवस्था का हिस्सा है। 

vasudha

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