33 साल पहले आज के दिन भारतीय सेना ने रचा था इतिहास, PAK-चीन के उड़ गए थे होश

Thursday, Apr 13, 2017 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः आज ही के दिन भारतीय सेना ने एक ऐसा इतिहास रचा था कि पाकिस्तान और चीन के भी होश उड़ गए थे। आज से 33 साल पहले 13 अप्रैल को ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया गया था। भारतीय सेना के इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन को शौर्य और पराक्रम की मिसाल के तौर पर देखा जाता है। 1984 में सियाचिन ग्लैशियर को फतह करने के उद्देश्य से इस ऑपरेशन को लॉन्च किया गया था। सेना का यह ऑपरेशन इस लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि पहली बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फतह करने के लिए यह ऑपरेशन किया गया था। सेना की इस कार्रवाई का नतीजा यह रहा कि पूरे सियाचिन ग्लैशियर पर भारत का कब्जा हुआ और सबसे ऊंची चोटी पर भी तिरंगा लहराने लगा।

सियाचिन ग्लैशियर पर भारत का कब्जा है। यह विजय भारतीय सेना के शौर्य, नायकत्व, साहस और त्याग की मिसाल है। विश्व के सबसे ऊंचे और ठंडे माने जाने वाले इस रणक्षेत्र में आज भी भारतीय सैनिक देश की संप्रभुता के लिए डटे रहते हैं। सियाचिन दो विवादित सीमाओं चीन और पाकिस्तान के बीच में स्थित है। भारत के उत्तर पश्चिम के काराकोरम रेंज में यह बहुत महत्वपूर्ण ग्लैशियर है। जम्मू-कश्मीर में सियाचिन ग्लैशियर 76.4 किमी. की लंबाई और लगभद 10 हजार स्कवॉयर किमी. के सुनसान निर्जन श्रेत्र को कवर करता है।

1974 में पाकिस्तान की तरफ से इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्लैशियर पर कब्जे के लिए कुछ हरकतें शुरू हो गई थीं। 1983 आते-आते भारत ने यह महसूस किया कि सियाचिन पर भारत को पैनी नजर बनाए रखनी होगी। भारत ने चार कुमाऊं रेजिमेंट की पलटून ने कैप्टन संजय कुलकर्णी के नेतृत्व में सियाचिन की सबसे ऊंची चोटी पर 13 अप्रैल को तिरंगा लहराया था।

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