मोदी सरकार के 3 साल: PM पर भारी पड़े यह विवाद

Thursday, May 25, 2017 - 01:51 PM (IST)

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता में आई एनडीए सरकार के 26 मई, 2017 को 3 साल पूरे होने वाले हैं। नरेंद्र मोदी पीएम बनने से पहले कई विवादों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहे और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला जारी है। 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार को कई विवादों का सामना करना पड़ा।

ललित मोदी विवाद: ब्रिटेन के अखबार ने जून 2015 में खबर छापी थी कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा ने ललित मोदी को पत्नी के इलाज के लिए डेनमार्क भेजने के लिए ब्रिटिश सांसद कीथ वाज से सिफारिश की थी। यह खबर भारतीय मीडिया में आते ही हंगामा मच गया और कई हफ्तों मुद्दा गरमाया रहा। विपक्ष ने सुषमा स्‍वराज के इस्‍तीफे की मांग, संसद का कामकाज रोका। हालांकि, तीखे विरोध के बाद भी मोदी सरकार नहीं झुकी और सुषमा स्‍वराज पद पर बनी रहीं।

विजय माल्‍या: बैंकिंग सिस्‍टम में सुधार के लिए की गई पहल के तहत सरकार ने उन लोगों पर नकेल कसने का प्रयास किया, जो पैसा होने के बाद भी बैंकों से लिया कर्ज (विलफुल डिफॉल्‍टर) नहीं लौटा रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची में विजय माल्‍या का भी नाम आया, जिन पर बैंकों का करीब 9000 करोड़ का कर्ज बकाया है। लेकिन इससे पहले की भारतीय एजेंसियां कुछ कर पाती विजय माल्‍या ने देश छोड़ दिया। इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को जमकर विरोध का सामना करना पड़ा।

PM मोदी डिग्री विवाद: दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में पीएम मोदी की डिग्री को लेकर सवाल उठाए। हालांकि भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी की डिग्री मीडिया के सामने पेश की लेकिन केजरीवाल ने भाजपा दावे को झूठा बताया। 

गुरदासपुर आतंकी हमला: जुलाई 2015 में 3 आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस स्‍टेशन पर हमला किया। इस हमले में 4 पुलिसकर्मी, 3 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले की वजह से मोदी सरकार आलोचना के केंद्र में आ गई थी।

JNU विवाद: 9 फरवरी 2016 को दिल्‍ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए जाने का वीडियो सामने आया। इसके बाद जेएनयू स्‍टूडेंट यूनियन के अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद और कुछ अन्‍य छात्रों को गिरफ्तार किया गया। छात्रों की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। 

दादरी कांड: 28 सितंबर, 2015 को उत्‍तर प्रदेश के दादरी में गौमांस के शक की वजह से मोहम्‍मद अखलाक नाम के शख्‍स की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई थी। इस मामले में गौमांस का मामला गरमाया रहा और बीफ को लेकर कई हिंसक घटनाएं सामने आई। 

खादी विवाद: खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के नए साल के कैलेंडर और डायरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपने से विवाद छिड़ गया था। कांग्रेस ने मोदी को कमजोर और निष्प्रभावी बताया।

EVM विवाद: यूपी चुनाव नतीजों के बाद बसपा प्रमुख मायावती और पंजाब चुनाव के नतीजों के बाद आप चीफ अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था। दोनों का आरोप था कि मशीनों से छेड़छाड़ कर उनके वोट भाजपा ने ले लिए हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार का कड़ा विरोध का सामना करना पड़ा था।

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