''अग्निवीर'' विवाद पर कोई चर्चा ना होने की वजह से 3 विपक्षी सांसदों ने रक्षा पैनल से किया वॉक आउट

Friday, Jul 22, 2022 - 07:49 PM (IST)

नई दिल्लीः रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति की बैठक से शुक्रवार को तीन विपक्षी सदस्य विरोध जताते हुए बाहर निकल गए और यह आरोप लगाया कि उनके आग्रह किए जाने के बावजूद सेना में भर्ती की योजना ‘अग्निपथ' पर इस बैठक में चर्चा नहीं की गई। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जुएल उरांव की अध्यक्षता वाली इस स्थायी समिति से बहुजन समाज पार्टी के सदस्य कुंवर दानिश अली और कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और उत्तम कुमार रेड्डी बाहर निकले।

सूत्रों के अनुसार, बैठक की शुरुआत होने पर बसपा सांसद दानिश अली ने ‘अग्निपथ' पर पहले चर्चा करने की मांग उठाई, जिसे अध्यक्ष उरांव ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने भी यह मांग उठाई। सूत्रों ने बताया, ‘‘विपक्षी सदस्यों के आग्रह पर समिति के अध्यक्ष ने उनसे कहा कि वे अग्निपथ के विषय को संसद में उठाएं।'' सूत्रों के अनुसार, विपक्षी सदस्यों ने दलील दी कि समिति में यह विषय उठाए जाने की उनकी मांग जायज है, क्योंकि ‘अग्निपथ' योजना सेना से संबंधित है तथा उनकी मांग को नहीं माना जाना बतौर सदस्य उनके विशेषाधिकारों का हनन है।

बैठक से बाहर आने के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव और समिति के सदस्य के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तम कुमार रेड्डी, कुंवर दानिश अली और मैं रक्षा मामलों की स्थायी समिति से विरोध करते हुए बाहर निकल गए, क्योंकि हमारे बार-बार आग्रह के बावजूद इस बैठक में विवादित अग्निपथ योजना पर चर्चा नहीं हुई। मैंने पहले एक पत्र में भी समिति के अध्यक्ष से यही आग्रह किया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने अध्यक्ष से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि अग्निपथ योजना को लेकर स्थायी समिति को अंधेरे में क्यों रखा गया, वित्तीय प्रभाव होने के बावजूद समिति की बजट संबंधी छानबीन में इस योजना को शामिल क्यों नहीं किया गया?'' उन्होंने दावा किया कि समिति के अध्यक्ष ने इन सवालों को अनसुना कर दिया और योजना पर चर्चा नहीं की गई।

वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘‘संसद में कोई चर्चा नहीं हो रही, संसद की स्थायी समितियों की बैठक में कोई चर्चा नहीं होती। इस तरह से मोदी काल में विधेयकों को मनमाने ढंग से पारित कराया जाता है।'' सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ' योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र सेनाओं में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने बाद में वर्ष 2022 के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।

Yaspal

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