ऑफ द रिकॉर्डः सिंधिया की वे 3 कॉल जिनका राहुल गांधी ने नहीं दिया जवाब

Friday, Mar 13, 2020 - 03:04 AM (IST)

नेशनल डेस्कः ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ने से पहले राहुल से सम्पर्क करने और उनसे मिलने का समय लेने का अंतिम प्रयास किया। सिंधिया ने राहुल गांधी के 12 तुगलक रोड आवास पर 3 टैलीफोन कॉल कीं। हालांकि सिंधिया राहुल गांधी के बहुत करीबी माने जाते हैं, लेकिन उनके पास राहुल गांधी का नया नम्बर नहीं था। राहुल गांधी ने कुछ समय पहले ही अपना मोबाइल नम्बर बदला था और बहुत से नेताओं के पास यह नम्बर नहीं है इसलिए सिंधिया ने पिछले हफ्ते उनके आवास पर कॉल की। 

हालांकि राहुल गांधी का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ‘एकमात्र’ ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी भी समय उनके घर आ सकते हैं और वह कालेज में भी उनके साथ थे लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह अब बीते समय की बात हो सकती है। जब राहुल गांधी से यह पूछा गया कि वह पिछली बार सिंधिया से कब मिले थे और क्या उन्होंने मध्य प्रदेश के संकट को हल करने का प्रयास किया, तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सिंधिया का फोन आने पर राहुल गांधी के निजी सचिव ने उन्हें वापस कॉल करने का भरोसा दिया। हताश सिंधिया ने कुछ घंटे बाद दोबारा राहुल के आवास पर फोन किया और उन्हें वही जवाब मिला। शाम के समय सिंधिया ने तीसरी बार प्रयास किया लेकिन इस बार उत्तर मिला। 

ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी न तो खुद फोन लाइन पर आए और न ही मिलने का समय दिया। इसकी बजाय सिंधिया को विनम्रतापूर्वक यह कह दिया गया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सम्पर्क करें। जब सिंधिया ने पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष से उनकी अप्वाइंटमैंट तय हो गई है तो निजी सचिव ने कहा कि इसके लिए उन्हें सोनिया गांधी के कार्यालय में सीधे अलग से निवेदन करना होगा। इससे सिंधिया ने बहुत शॄमदगी महसूस की। इसके अलावा सिंधिया पहले ही कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में जाने के लिए विधायकों सहित अपने समर्थकों के दबाव में थे। 

सिंधिया पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे थे क्योंकि पार्टी हाईकमान उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहा था। उन्हें और उनके समर्थकों को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वारा बार-बार बेइज्जत किया जा रहा था और हाईकमान उन्हें कोई संरक्षण नहीं दे रहा था। इस बारे में राहुल गांधी का कहना यह था कि अब वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी के मामलों में तब तक हस्तक्षेप नहीं करेंगे जब तक कि उन्हें इसके लिए कहा न जाए।सोनिया गांधी ने अपनी तरफ से कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के इन दोनों गुटों के बीच समझौते का प्रयास किया था लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ और इसके बाद जो कुछ हुआ, जब सिंधिया कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए,वह सबको ज्ञात ही है।

Pardeep

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