26 घंटे से ज्यादा समय से लापता है वायुसेना का एयरक्राफ्ट, AN-32 को ढूंढने में जुटा ISRO

Tuesday, Jun 04, 2019 - 03:54 PM (IST)

ईटानगर/ नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना का रूस निर्मित एएन-32 परिवहन विमान सोमवार दोपहर असम के जोरहाट से उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद लापता हो गया। विमान में 13 लोग सवार थे। 26 घंटे से ज्यादा तक का समय हो चुका है लेकिन अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं विमान का पता लगाने के लिए ISRO की मदद ली जा रही है। ISRO सैटेलाइट के जरिए अरुणाचल प्रदेश और असम में विमान का पता लगा रहा है। भारतीय वायुसेना ने कहा कि विमान ने जोरहाट से सोमवार दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले के मेनचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी। करीब 1 बजे उसका जमीनी नियंत्रण से संपर्क टूट गया। वायुसेना ने बयान में कहा कि दुर्घटना स्थल के संभावित स्थान को लेकर कुछ सूचनाएं मिली हैं।

हेलिकॉप्टरों को उस जगह पर भेजा गया था। हालांकि, अभी तक कोई भी मलबा नहीं देखा गया है।" विमान का पता लगाने के लिए वायुसेना ने दो एमआई-17 हेलिकॉप्टर के अलावा सी-130जे, सी 130 हरक्यूलिस, सुखोई सू-30 फाइटर जेट सर्च अभियान में जुटे हुए हैं। साथ ही मैदानी क्षेत्रों में तैनात जवान भी विमान की तलाश कर कर रहे हैं। मौसम खराब होने के कारण सर्च ऑप्रेशन में दिक्कतें आ रही हैं। थल सेना ने अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर (एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर) तैनात किए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में वायुसेना के उपप्रमुख से बात की है और वे इन यात्रियों के सुरक्षित रहने की कामना करते हैं।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा , ‘‘ कुछ समय से लापता वायु सेना के एएन -32 विमान के संबंध में भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से बातचीत की। उन्होंने मुझे वायुसेना के इस लापता विमान को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दी। मैं इसमें सवार सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। एएन -32 रूस निर्मित वायुयान है और वायुसेना बड़ी संख्या में इन विमानों का इस्तेमाल करती है। यह दो इंजन वाला ट्रर्बोप्रॉप परिवहन विमान है। अधिकारियों ने कहा कि मेनचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड चीन की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। यह करीब 35 किलोमीटर दूर है।

Seema Sharma

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