26/11 मुंबई आतंकी हमला:जख्म के 10 साल

Sunday, Nov 25, 2018 - 07:56 PM (IST)

नई दिल्ली:मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले को 10 साल हो गए हैं। इस दर्दनाक हादसे से पूरा देश सहम गया था। 2008 के इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्र के रास्ते भारत पहुंचकर मुंबई में हमले किए। इन आतंकियों में से एक आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। आतंकियों ने मुंबई के प्रमुख स्थलों पर हमला करते हुए होटल ताज को अपने कब्जे में ले लिया था। इस मुश्किल ऑपरेशन में सिपाहियों ने आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी।

रेलवे स्टेशन पर की थी अंधाधुंध फायरिंग
मुंबई के रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर आंतकी खेल शुरु हुआ था। आतंकियों ने वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग की थी और हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे। जिसकी वजह से 58 बेगुनाह यात्रियों की मौत हो गई थी। जबकि कई लोग गोली लगने और भगदड़ में गिर जाने की वजह से घायल हो गए थे।

शहर में 4 जगहों पर चली मुठभेड़
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अलावा आतंकियों ने ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल और दक्षिण मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे। इसी दिन शहर में 4 अन्य जगहों पर मुठभेड़ चल रही थी।

हेमंत करकरे अपनी टीम में शहीद होने वाले पहले अधिकारी थे
एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड के चीफ हेमंत करकरे 26-11 के मुंबई हमलों में शहीद होने वाले पहले अधिकारी थे। 1982 बैच के आईपीएस अफसर थे। हमले वाले दिन हेमंत करकरे अपनी टीम के साथ सीएसटी स्टेशन पहुंचे तो वहां सिर्फ लाशें बिछी थीं। करकरे ने आतंकियों का पीछा किया और वे उन तक पहुंच भी गए। लेकिन दोनों ओर से चली गोलीबारी में करकरे के सीने में तीन गोलियां लगीं और वे शहीद हो गए।

कसाब को जिंदा पकड़ लिया था
26 नवंबर 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और 166 बेगुनाह लोगों को गोलियों से छलनी करके मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में कई लोग जख्मी भी हुए थे। भारतीय सेना ने कई आतंकियों को मार गिराया था जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था।

कसाब को दी गई फांसी
मुंबई हमले मामले की सुनवाई के बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी लगी दी गई जबकि हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में पाकिस्तान में खुला घूम रहा है।

shukdev

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