भारत में सेमीकंडक्टर के विकास को बढ़ावा, 23 चिप डिजाइन परियोजनाओं को दी मंजूरी
punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 07:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने देश में सेमीकंडक्टर चिप डिज़ाइन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने शुक्रवार को डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत 23 चिप डिज़ाइन परियोजनाओं को मंजूरी देने की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य घरेलू स्टार्ट-अप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को चिप निर्माण के क्षेत्र में सशक्त बनाना है।
निगरानी कैमरे से लेकर ऊर्जा मीटर तक होंगे इस्तेमाल
इन स्वीकृत परियोजनाओं के तहत तैयार की जाने वाली चिप्स का इस्तेमाल निगरानी कैमरों, ऊर्जा मीटरों, इलेक्ट्रिक वाहनों, ड्रोन, औद्योगिक स्वचालन, एविएशन और अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा। MeitY के अनुसार, इससे भारत में चिप डिज़ाइन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
72 कंपनियों को EDA उपकरणों की सुविधा
मंत्रालय ने यह भी बताया कि अब तक 72 कंपनियों को उद्योग-स्तर के इलेक्ट्रॉनिक डिज़ाइन ऑटोमेशन (EDA) टूल्स तक पहुंच दी जा चुकी है। इससे स्टार्ट-अप्स को चिप डिज़ाइन करने में बड़ी मदद मिलेगी और नई तकनीकों के विकास की रफ्तार बढ़ेगी।
Vervesemi Microelectronics का शानदार योगदान
बेंगलुरु की फेबलेस सेमीकंडक्टर कंपनी Vervesemi Microelectronics को भी इस योजना के तहत समर्थन मिला है। कंपनी 2017 से चिप डिज़ाइन के क्षेत्र में काम कर रही है और अब कई उन्नत परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिनमें शामिल हैं:
- वजन मापने वाले उपकरणों और ब्रिज सेंसर के लिए ASIC चिप – 2025 के अंत तक
- स्मार्ट ऊर्जा मीटर के लिए ASIC – 2025 के अंत तक
- BLDC मोटर कंट्रोलर चिप – 2026 तक
- ई-व्हीकल, ड्रोन और औद्योगिक स्वचालन के लिए मोटर कंट्रोलर – 2026 तक
- एयरोस्पेस और एवियोनिक्स के लिए डेटा अधिग्रहण चिप्स – 2026 तक
कंपनी के संस्थापक और सीईओ राकेश मलिक ने कहा, “हम न केवल आयात प्रतिस्थापन की दिशा में काम कर रहे हैं, बल्कि भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर मंच पर अग्रणी भी बना रहे हैं।”
₹4,600 करोड़ का निवेश, छह राज्यों में 10 परियोजनाएं
सरकार ने हाल ही में भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत चार नई सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजनाओं को भी मंजूरी दी थी। ये परियोजनाएं ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में स्थापित की जाएंगी। अब तक देशभर में कुल ₹1.6 लाख करोड़ की लागत से 10 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स की योजना बनाई जा चुकी है, जो छह राज्यों में फैले होंगे।
इन परियोजनाओं से 2,000 से अधिक कुशल श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है, जबकि हजारों अप्रत्यक्ष रोजगार भी उत्पन्न होंगे।
ये प्रमुख कंपनियां भी होंगी शामिल
नई योजनाओं में शामिल अन्य प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं:
- SiCSem
- Continental Device India Pvt. Ltd. (CDIL)
- 3D Glass Solutions Inc
- Advanced System in Package (ASIP) Technologies
यह पहल न केवल भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और डिज़ाइन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि भारत को वैश्विक तकनीकी हब की ओर भी अग्रसर करेगी।