गुजरात के साथ हिमाचल भी मुट्ठी में, लेकिन 2019 में मोदी के लिए आसान नहीं राह

Tuesday, Dec 19, 2017 - 08:53 AM (IST)

नई दिल्ली: गुजरात में कांग्रेस की ओर से मिली कड़ी टक्कर के बावजूद भाजपा ने 182 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लगातार छठी जीत का रिकार्ड कायम किया वहीं उसने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर इस पर्वतीय राज्य में एक बार फिर भगवा परचम लहरा दिया है। गुजरात में भाजपा ने जहां 99 सीटों पर कब्जा जमाया वहीं कांग्रेस ने 80 सीटें जीतीं जबकि अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं। इसी तरह हिमाचल में भी भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया है।

पार्टी ने जहां 44 सीटें जीती हैं वहीं कांग्रेस के खाते में 21 व अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं, वहीं हिमाचल में सी.एम. पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल 1919 वोटों से हार गए हैं। उन्होंने अपनी हार को स्वीकार कर लिया है। हिमाचल प्रदेश जहां उनकी पार्टी के हाथ से निकल गया वहीं गुजरात मेें पार्टी का प्रदर्शन पिछले कई चुनावों के मुकाबले अच्छा रहा लेकिन वह 22 वर्ष से चले आ रहे भाजपा के शासन को समाप्त करने में सफल नहीं हो सकी।

आसान नहीं 2019 की राह
भाजपा को गुजरात में मिली लगातार छठी जीत और हिमाचल प्रदेश में उसके कांग्रेस से सत्ता छीनने से एक बार फिर साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अभी भी बरकरार है लेकिन उनके गृह राज्य में जिस तरह 22 साल में पार्टी 100 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई और वोट प्रतिशत और सीटों के मामले में कांग्रेस और राहुल गांधी का ग्राफ बढ़ा है, उससे लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी डगर आसान नहीं है। अखिलेश ने गुजरात का रिजल्ट देख कहा कि ‘ठीक है कि हम उत्तर प्रदेश में हारे, गुजरात के युवा वहां हारे, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हम हमेशा हारेंगे। एक वह वक्त भी आएगा कि हारने वाला भी जीतेगा और जीता हुआ भी हारेगा। आने वाले वक्त में आप देखेंगे कि हम जीतेंगे और वह हारेंगे। 2019 में हम चाहेंगे कि गठबंधन बने लेकिन गठबंधन किन मुद्दों पर हो, यह सबसे ज्यादा जरूरी है। 2019 में मुद्दे भी हों और गठबंधन भी हो तो शायद एक बड़ा महागठबंधन बन सकता है।

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