2019 लोकसभा चुनाव: कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं उसके बयानवीर

Wednesday, Oct 17, 2018 - 08:34 PM (IST)

नई दिल्लीः (मनीष शर्मा) अगले लोकसभा चुनाव में सिर्फ 6 महीने का समय रह गया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे नाज़ुक वक़्त में कुछ कांग्रेसी नेता भारतीय जनमानस से जुड़े मुद्दों पर विवादित बयान देकर एक तरफ तो कांग्रेस की 2019 की जीत की संभावनाओं पर पानी फेर रहे हैं साथ ही साथ बीजेपी को रोज़ नया हमला करने के लिए हथियार भी दे रहे हैं।



नवजोत सिंह सिद्धूः पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में जाकर पाक सेना चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगकर विवाद खड़ा कर दिया और अब कह रहे हैं कि अगर पाकिस्तान श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलता है, तो वो बाजवा को गले लगाना तो क्या उन्हें चूमने को भी तैयार हैं। और तो और यहां तक भी कह दिया कि दक्षिण भारत से अच्छा पाकिस्तान और उसके व्यंजन है। अक्टूबर 2018 में कसौली में एक समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कहीं भी यात्रा कर लो, वहां न तो भाषा बदलती है, न ही खाना बदलता और न ही लोग बदलते हैं, जबकि दक्षिण भारत में जाने पर भाषा से लेकर खानपान तक सब कुछ बदल जाता है।



शशि थरूर: अयोध्या में राम मदिंर निर्माण पर विवादित बयान देकर कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अक्टूबर 2018 में चेन्नई के एक कार्यक्रम में थरूर ने कहा कि अच्छा हिन्दू कभी भी विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराना नहीं चाहेगा। इससे पहले जुलाई 2018 में शशि थरूर ने विवादित बयान दिया था, कि अगर 2019 में मोदी सरकार बनती है, तो भारत हिन्दू पाकिस्तान बन जाएगा और बीजेपी हिंदुत्व का तालिबानीकरण करना चाहती है।



सैफुद्दीन सोज: कांग्रेसी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज की तरफ से कश्मीर की आज़ादी वाले बयान से बवाल मच गया था। जून 2018 में अपनी किताब के विमोचन के दौरान सोज ने कहा था कि कश्मीरियों की पहली प्राथमिकता आज़ादी पाना है।



गुलाम नबी आज़ाद: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आज़ाद ने यह कह कर हंगामा खड़ा कर दिया था कि भारतीय सेना कश्मीर में आतंकियों से ज़्यादा हत्याएं कर रही है। जून 2018 में मीडिया से बात करते हुए आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट में बड़े पैमाने पर आम लोगों की हत्याएं हो रही हैं। कांग्रेस की मुश्किलें उस समय ज़्यादा बढ़ गई जब पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने गुलाम नबी आजाद के बयान का समर्थन कर दिया।



संदीप दीक्षित: दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेसी नेता संदीप दीक्षित ने भारतीय सेनाध्यक्ष बिपिन रावत को गुंडा तक कह दिया था। जुलाई 2017 में  उन्होंने कहा था कि हमारे सेना प्रमुख जब 'सड़क के गुंडे' की तरह बोलते हैं, तो खराब लगता है। इस कमेंट के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्हें फटकार भी लगानी पड़ी।



मणिशंकर अय्यर: अगर विवादित बयानों के बात चल रही हो और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का ज़िक्र न हो तो अधूरा सा लगता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चायवाला, नीच जाति, जोकर, सांप-बिच्छू जैसे असभ्य शब्दों का प्रयोग कर पार्टी को शर्मिंदा करते रहते हैं। लेकिन उनके जिस बयान से पार्टी को सबसे ज़्यादा नुकसान हो सकता है, वो है फरवरी 2018 में कराची में दिया गया भारत के खिलाफ बयान। उन्होंने कहा था कि भारत-पाक मुद्दों का हल पाकिस्तान तो बातचीत से करना चाहता है लेकिन भारत तैयार नहीं है।



दिग्विजय सिंह: कभी कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह को अपने द्वारा दिए गए विवादित बयानों के नुक्सान का आभास हो गया है। अब कह रहे है, कि उनके भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते हैं इसलिए वे प्रचार के लिए कहीं नहीं जाते।

समय के अभाव के चलते कांग्रेस के अन्य बयानवीरों का इस सूची में वर्णन नहीं हो सका है लेकिन कांग्रेस को नुक्सान पहुंचाने में उन्होंने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारतीय सेना, कश्मीर और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर सभी भारतीयों की एक ही राय होती है। विवादित बयान से नेता सुर्ख़ियों में तो आ जाते हैं, लेकिन उससे पार्टी को कितना नुकसान पहुंच सकता है, वो सबक कांग्रेसी नेताओं ने 2014 के चुनाव के नतीजों से नहीं सीखा है।
 

Yaspal

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