ऑफ द रिकॉर्डः संसद सत्र के लिए एक ही जगह 2000 की भीड़ से घबराए सांसद

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 05:56 AM (IST)

नई दिल्लीः 785 सांसदों में से 200 सांसद 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं तथा सात केंद्रीय मंत्री एवं दो दर्जन सांसद कोरोना से रिकवर हुए हैं, ऐसे में संसद सत्र पर इस महामारी का खतरा मंडरा रहा है। 14 सितम्बर से आरंभ होने वाले संसदीय सत्र को लेकर सांसदों में घबराहट फैली हुई है। कुछ वरिष्ठ सांसदों ने सत्र के लिए एक ही स्थान पर 17 दिन तक भारी एकत्रता को लेकर चिंता जताई है। 
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इनमें से कुछ सांसद इस बात को लेकर परेशान हैं कि कोविड के दौर में एक निश्चित समय में लगभग 2000 लोग एक ही परिसर में मौजूद रहेंगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा के 240 सांसदों में से 97 सांसद 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं। इनमें 20 सांसद 80 वर्ष से अधिक के हैं जिनमें डा.मनमोहन सिंह (87), ए.के.एंटनी (82) आदि शामिल हैं। 
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8 सितम्बर को राज्यसभा की आधिकारिक वैबसाइट पर अपलोड किए गए डाटा के अनुसार, सांसदों की औसत आयु 63.3 वर्ष है। लोकसभा में 130 सांसद 65 वर्ष से अधिक के हैं तथा इनमें 75 वर्ष से अधिक आयु वाले 30 सांसद भी शामिल हैं। एक सांसद की आयु 90 वर्ष है। इसकी तुलना में 2011 की जनगणना के अनुसार देश के आम नागरिकों की औसत आयु 27.8 वर्ष है। अब अगर सांसदों पर नजर डालें तो स्थिति वाकई गंभीर है। सात केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के दो दर्जन से अधिक सांसद कोविड से संक्रमित हो चुके हैं। एक लोकसभा सांसद का तो कोविड से निधन भी हो गया तथा कई सांसदों के नाते-रिश्तेदार इसका ग्रास बन चुके हैं इसलिए वे यात्रा करने से डर रहे हैं। 
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वैसे सत्र कोविड से अप्रभावित रहे, इसके लिए पूरे बंदोबस्त किए जा रहे हैं। सत्र शुरू करने से पहले यह व्यवस्था की गई है कि संसद परिसर में प्रवेश से तीन दिन पहले सभी सांसदों का कोविड टैस्ट होगा तथा नैगेटिव आने वाले सांसदों को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। इसके बावजूद बहुत से सांसद इस बात को लेकर अभी भी शंका में हैं कि सांसदों, अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों व पत्रकारों की बड़ी संख्या को दो सप्ताह के लिए संभालना बहुत बड़ी चुनौती रहेगी तथा उससे किस तरह निपटा जाएगा। 
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मोदी सरकार के एक मंत्री का कहना है कि संसद भवन का एयरकंडीशनिंग सिस्टम पुराना पड़ चुका है तथा उसमें ऑटोमैटिक वैंटिलेटिंग सिस्टम नहीं है, इसलिए सांसद चाहे जितने मास्क लगा लें या सोशल डिस्टैंसिंग रखें, उन्हें कुछ सहायता नहीं मिलने वाली।


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Pardeep

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