अफगानिस्तान में सिखों पर आत्मघाती हमले में 20 की मौत, PM मोदी ने की निंदा

Monday, Jul 02, 2018 - 09:23 AM (IST)

जलालाबादः अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को सिखों को निशाना बनाकर किए गए भीषण विस्फोट में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आत्मघाती हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। मोदी ने ट्वीट किया कि कल अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमलों की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह अफगानिस्तान की बहुसांस्कृतिक संरचना पर हमला है। शोकग्रस्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। हमले में घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस दुख भरे क्षण में भारत अफगानिस्तान के सहयोग के लिए तैयार है।'
 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि उनकी सरकार पीड़ित परिवारों की मदद करेगी। गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने बताया कि राष्ट्रपति अशरफ गनी के जलालाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन करने के कुछ घंटे बाद हुए इस विस्फोट से मुखाबेरात चौक के पास कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई और मकान धराशायी हो गए।

नांगरहार के पुलिस प्रमुख गुलाम सनायी स्तानेकजई ने बताया कि एक आत्मघाती हमलावर ने सिखों को लेकर जा रहे एक वाहन को निशाना बनाकर हमला किया। हमले के समय सिख समुदाय के लोग राष्ट्रपति से मिलने आए थे। खोगयानी ने बताया कि विस्फोट में कम से कम 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। राष्ट्रपति के आगमन के कारण ज्यादातर रास्ते बंद थे जिसके कारण ज्यादा लोग विस्फोट की चपेट में नहीं आए, अन्यथा मृतकों की संख्या बढ़ सकता थी। काबुल में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने जलालाबाद में हुए आतंकवादी हमले में 10 सिखों के मारे जाने की पुष्टि की है। भारतीय दूतावास ने ट्विटर के जरिए कड़े शब्दों में इस हमले की निंदा की है।

इस्लामिक स्टेट ने अपनी आधिकारिक समाचार एजेंसी अमाक के माध्यम से एक वक्तव्य जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट ने अपने इस दावे के पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है लेकिन देश में हिंदुओं और सिखों की एक छोटी संख्या है। अफगानी संसद में सिख एवं हिन्दू समुदाय के लिए एक सीट आरक्षित है। लेकिन बढ़ते हुए खतरे और लगातार मिलती धमकियों के कारण कई प्रांतों से हिन्दू और सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर चले गए हैं। ज्यादातर लोगों ने भारत में शरण ली है।

 

Seema Sharma

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