2 साल बाद मासूम को मिला इंसाफ, मां ने जिंदा फेंका था नाले में

Wednesday, Sep 28, 2016 - 07:13 PM (IST)

जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर के बहुचर्चित आरोही हत्याकांड मामले में जिला न्यायालय के न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने आरोपी मां को दोषी करार देते हुए आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जैक्सन कम्पाउंड निवासी सुनील आहूजा की छह माह की मासूम बच्ची आरोही सात सितंबर 2014 को घर से गायब हो गई थी। घटना के समय सुनील अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मंदिर गया हुआ था। घर में आरोही और उसकी मां रितु अकेले थी। रितु का कहना था कि वह बाथरूम में नहा रही और बच्ची पलंग पर सो रही थी। वह बाथरूम से बाहर आई तो देखा कि बच्ची गायब है। 

घटना के दस दिन बाद पुलिस ने जब रितु को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की तो उसने दुधमुंही बच्ची की हत्या करना स्वीकार कर लिया था। उसने बताया कि वह अपनी गाड़ी से बेबी बैग में आरोही को लेकर बरगी हिल्स कॉलोनी गई थी और उसे नाले में फेंक दिया था। उसका कहना था कि साढ़े तीन वर्षीय बेटे की परवरिश अच्छे से हो सके इसलिए उसने अपनी बेटी की हत्या कर दी। सुसराल वालों को बेटी पसंद नहीं थी। 

पुलिस ने रितु की निशानदेही पर नाले से बच्ची की हड्डियां, फ्रॉक और लॉकेट बरामद किया था। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर दोषी मां के खिलाफ न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि डीएनए रिपोर्ट से स्पष्ट है कि हड्डियां आरोही की हैं और उसकी मृत्यु हो चुकी है। सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि आरोपी अपनी गाड़ी से बच्ची को लेकर घर से निकली थी। जब वह वापस लौटी तो बच्ची उसके साथ नहीं थी। परस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर जिला न्यायालय ने आरोपी रितु को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास तथा पांच हजार रुपये के उम्रकैद की सजा सुनाई है। 

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