महाकुंभ: बढ़ रही नागा साधुओं की संख्या, 200 पुरुष और 20 महिलाओं ने मोह-माया त्याग लिया संन्यास

punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 01:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क. महाकुंभ में इस बार 220 और लोग संन्यास लेकर नागा संन्यासी बने हैं। इनमें 200 पुरुष और 20 महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें जूना अखाड़ा ने संन्यास ग्रहण कराया। उन्होंने विधिपूर्वक पिंडदान और विजया हवन के बाद अपने जीवन को सनातन धर्म को समर्पित कर दिया।

कहां से हैं संन्यास लेने वाले लोग?

PunjabKesari

संन्यास लेने वाले पुरुष और महिलाएं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार के विभिन्न इलाकों से आए थे। जूना अखाड़ा में अब तक कुल 4500 नागा संन्यासी और 2150 संन्यासिनी बन चुकी हैं, जो लोग पहले बाकी थे, उन्हें शनिवार को संन्यास ग्रहण कराया गया।

108 बार मंत्रोच्चार के बीच गंगा में डुबकी

सेक्टर 20 स्थित गंगा घाट पर सभी संन्यासियों को 108 बार मंत्रोच्चार के बीच डुबकी लगवाई गई। इसके बाद सभी ने पिंडदान किया और फिर अपने घर-परिवार से संपर्क खत्म कर स्वयं को मृत घोषित कर दिया। दशनामी संन्यासिनी अखाड़ा की अध्यक्ष डॉ. देव्या गिरि ने बताया कि सभी नए नागा संन्यासी और संन्यासिनी वसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान में भाग लेंगे।

PunjabKesari

जप-तप में रहना होगा लीन

इन सभी नए संन्यासियों को इस दौरान अमृत स्नान कराया जाएगा। इस समय वे सभी अखाड़े के शिविर में रहकर जप और तप में लीन रहेंगे। स्नान के बाद सभी अखाड़े का हिस्सा बन जाएंगे।

अब तक कुल 8495 बने नागा संन्यासी 

महाकुंभ में 28 जनवरी तक 8495 नागा संन्यासी बनाए जा चुके थे। इसमें जूना अखाड़े से 4500 संन्यासी, 2150 संन्यासिनी, महानिर्वाणी अखाड़े से 250 संन्यासी, निरंजनी अखाड़े से 1100 संन्यासी और 150 संन्यासिनी, अटल अखाड़े से 85 संन्यासी, आवाहन से 150 संन्यासी और बड़ा उदासीन से 110 संन्यासी शामिल हैं।

मौनी अमावस्या पर साधारण स्नान

नए नागा संन्यासियों को 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व में शामिल होना था, लेकिन संगम तट पर भगदड़ मचने के कारण अखाड़ों ने साधारण तरीके से स्नान किया। हालांकि, इस बार भव्यता का प्रदर्शन नहीं किया गया। अब सभी नागा संन्यासी और संन्यासिनी वसंत पंचमी पर त्रिवेणी में स्नान करेंगे।

त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी

नए नागा संन्यासियों के मन में अमृत स्नान को लेकर खास उल्लास और उत्साह है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने बताया कि आगामी स्नान पर्व निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए सभी संन्यासी जप और तप में लीन हैं।

विदेशी श्रद्धालुओं ने भी लिया दीक्षा

महाकुंभ में 13 जनवरी से शुरू हुए इस आयोजन में कई विदेशी श्रद्धालुओं ने भी दीक्षा ली है और सन्यास का मार्ग अपनाया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Parminder Kaur

Related News