दलित से शादी करने पर मिलेगा 2.5 लाख, मोदी सरकार ने स्कीम में किए बदलाव

Wednesday, Dec 06, 2017 - 07:07 PM (IST)

नई दिल्लीः अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित और बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने  एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत अगर कोई अंतरजातीय विवाह करता है तो उसी पांच लाख रुपए की सालाना आय सीमा को खत्म कर दिया जाएगा। केंद्र के इस फैसले से अंतरजातीय विवाह करने वाले सभी आय वर्ग के लोगों को 'डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज' योजना का लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े को केंद्र की ओर से 2.5 लाख रुपए मिलेंगे, बशर्ते शादी करने वाले लड़के-लड़की में से कोई एक दलित होना चाहिए। बता दें इससे पहले सरकार 2.5 लाख रुपए की यह मदद सिर्फ उसी दंपति को देती थी जिसकी 5 लाख रुपए से कम की सालाना आय होती थी।

उल्लेखनीय है कि साल 2013 में शुरू हुई 'डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज' योजना के तहत केंद्र का लक्ष्य हर साल कम से कम 500 अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े को योजना के तहत पुरस्कृत करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके नियमों के मुताबिक 2.5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि पाने के लिए जोड़े की वार्षिक आय 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी।

सरकार ने यह स्कीम इसलिए शुरू की ताकि शुरुआती दिनों में नए जोड़े को जिंदगी पटरी पर लाने में भी मदद मिल सके। साथ ही सरकार ने शर्त रखी थी कि अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े की पहली शादी होनी चाहिए। साथ ही शादी को हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर भी होना चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए जोड़े को अपनी शादी के एक साल के भीतर ही इसका प्रस्ताव सरकार के पास सौंपना होगा।

क्या करना होगा?
इस बार सरकार ने सालाना आय की सीमा को खत्म कर दिया है लेकिन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है कि योजना का लाभ पाने के लिए आधार नंबर होना जरूरी है।

-जोड़े को अपना आधार नंबर और उससे जुड़ा बैंक अकाउंट भी देना होगा। सरकार की इस योजना के तहत 2015-16 में 522 जोड़ों ने प्रस्ताव भेजे थे लेकिन सिर्फ 72 जोड़ों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी।

-वहीं 2016-17 में 736 में से 45 को और 2017-18 में 409 प्रस्ताव अभी तक मिल चुके हैं लेकिन सोशल जस्टिस मंत्रालय ने सिर्फ 74 जोड़ों को मंजूरी दी है।

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