17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू, PM मोदी, सहित नवनिर्वाचित सदस्यों ने ली सदस्यता की शपथ

Monday, Jun 17, 2019 - 04:02 PM (IST)

नई दिल्लीः सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह सहित नवनिर्वाचित सदस्यों ने निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली। शपथ लेने के लिए जैसे ही प्रधानमंत्री का नाम पुकारा गया सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया जबकि भाजपा के सदस्यों ने ‘‘मोदी..मोदी'' और ‘‘भारत माता की जय'' के नारे लगाए। मोदी ने सदन के नेता होने के कारण सबसे पहले शपथ ली। उन्होंने हिन्दी में शपथ ली। 

 

प्रधानमंत्री मोदी के बाद कांग्रेस के सदस्य के. सुरेश, बीजद के बी महताब और भाजपा के ब्रजभूषण शरण सिंह ने शपथ ली। सुरेश और सिंह ने हिंदी तथा महताब में उड़िया में शपथ ली। कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने पीठासीन अध्यक्षों के जिस पैनल की घोषणा की उसमें ये तीनों सदस्य- के सुरेश, ब्रजभूषण शरण सिंह एवं बी महताब शामिल हैं। इन तीनों सदस्यों के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और स्मृति ईरानी सहित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने भी शपथ ली। हर्षवर्धन, श्रीपद नाइक, अश्वनी कुमारी चौबे और प्रताप सारंगी ने संस्कृत भाषा में शपथ ली। स्मृति ईरानी का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा के कई सदस्यों ने जोरदार ढंग से मेजें थपथपाईं। दरअसल, ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराकर लोकसभा पहुंची हैं। 

पश्चिम बंगाल कोटे से मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी के नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा सदस्यों ने ‘जयश्री राम' के नारे लगाए। गौरतलब है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘जयश्रीराम‘ के नारे लगाए थे जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। मंत्रियों का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के दौरान लोकसभा महासचिव ने एक बार भूलवश केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम पुकारा, जबकि वह सदन के सदस्य निर्वाचित नहीं हुए हैं। 

बाद में उन्होंने भूल सुधारी और फिर प्रह्लाद जोशी का नाम पुकारा। केन्द्रीय मंत्री एवं अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने पंजाबी तथा भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविन्द सावंत ने मराठी भाषा में शपथ ली। सदन में पहले सदन के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी, फिर पीठासीन अध्यक्ष पैनल के सदस्यों, उसके बाद केन्द्रीय मंत्रियों ने शपथ ली। इसके बाद सदस्यों ने राज्यों के अकारादि क्रम से शपथ ली। सबसे पहले आंध्र प्रदेश के सदस्यों, फिर असम और उसके बाद बिहार के सदस्यों ने शपथ ली। 



इस बार सबसे ज्यादा युवा सांसद
17वीं लोकसभा में सांसदों की उम्र देखें तो औसत उम्र 54 साल है। इसमें 25 से 40 साल के करीब 12 फीसदी सांसद हैं। 40 से 55 साल के करीब 41 फीसदी सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं। 56 से 70 साल के सर्वाधिक 42 फीसदी सासंद लोकसभा पहुंचे हैं। 70 साल से अधिक उम्र के सबसे कम 6 फीसदी ही चुनकर आए हैं।

महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा
17वीं लोकसभा के विजयी उम्मीदवारों में महिलाओं की कुल संख्या 78 है। महिला सांसदों की अब तक की इस सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या की 17 फीसदी हो जाएगी। महिला सांसदों की सबसे कम संख्या 28 9वीं लोकसभा में थी। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा की 542 सीटों के लिए घोषित पूर्ण परिणाम के आधार पर सबसे अधिक 40 महिला उम्मीदवार भाजाप के टिकट पर चुनाव जीती हैं। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर सिर्फ पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महिला उम्मीदवार के रूप में रायबरेली से जीत दर्ज की है। सर्वाधिक ओडिशा में 21 में से 8 महिला सांसद हैं, जिसमें से बीजेडी की 6 और भाजपा की दो सांसद हैं।

सबसे ज्यादा ग्रेजुएट सांसद चुनकर पहुंचे संसद
सांसद  इस बार स्नातक तक पढ़े 394 सांसद संसद पहुंचे हैं। 17वीं लोकसभा में 27 फीसदी सांसदों ने हायर सेकेंड्री तक की पढ़ाई की है, जबकि 43 फीसदी स्नातक हैं। 25 फीसदी पोस्ट ग्रेजुएट और 4 फीसदी सांसदों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है। 16वीं लोकसभा में 20 फीसदी सांसदों के पास उच्चतर माध्यमिक की डिग्री थी। बता दें कि 1996 से 75 फीसदी सांसद ग्रेजुएशन की डिग्री लेने वाले लोग चुनकर संसद पहुंचे हैं।

सबसे ज्यादा समाजसेवी और किसान इस बार लोकसभा पहुंचे हैं। 39 फीसद सांसदों ने खुद को राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। वहीं, 38 फीसदी ने अपना पेशा कृषि बताया है। 542 सांसदों में 23 फीसदी व्यवसायी हैं। 4 फीसदी वकील, चार फीसदी डॉक्टर, तीन फीसदी कलाकार और दो फीसदी शिक्षक हैं। कई सांसदों ने बताया है कि उनका पेशा एक से ज्यादा है।

इस बार संसद में नहीं दिखेंगे ये दिग्गज
पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद  में नजर नहीं आएंगे। इनमें प्रमुख हैं भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस के सदन में नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और उपनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया।

फिल्मी कलाकार की संख्या बढ़ी
17वीं लोकसभा में पहली बार सबसे ज्यादा कलाकार संसद में चुनकर आए हैं। इसमें भाजपा की ओर से मथुरा से हेमामालिनी, चंडीगढ़ से किरण खेर, गुरुदासपुर से सनी देओल, गोरखपुर से भोजपुरी अभिनेता रवि किशन चुनकर संसद पहुंचे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल से मिमी चक्रवती और नुसरत जहां टीएमसी के टिकट पर संसद पहुंची हैं।

सोमवार से शुरू हो रहे 17वीं लोकसभा के सत्र में सदन की सूरत काफी बदली हुई दिखेगी। संख्या बल के हिसाब से पहली पंक्ति की 20 सीटों में 13 सीटें एनडीए के हिस्से में आएंगी। एक सीट लोकसभा उपाध्यक्ष के लिए होगी। बाकी छह सीटों में दो कांग्रेस को और एक-एक द्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में आएगी। बताया जा रहा है कि इस बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहली पंक्ति में नजर आएंगे। यह भी बताया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन की अनुपस्थित में राहुल गांधी पहली पंक्ति में बैठेंगे।

Yaspal

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