AI Teacher Video: 17 वर्षीय छात्र का कमाल! बना डाली AI टीचर ‘सोफी’, रोबोट लेक्चर के Viral Video ने इंटरनेट पर मचाई धूम
punjabkesari.in Saturday, Nov 29, 2025 - 04:31 PM (IST)
नेशनल डेस्क। देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से सामने आया है। यहां के शिवचरण इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा के छात्र आदित्य कुमार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। आदित्य ने मात्र ₹25,000 की मामूली लागत से एक एआई (AI) जनरेटेड रोबोट शिक्षक विकसित किया है जिसका नाम 'सोफी' है। यह रोबोट अब स्कूल स्टाफ का एक हिस्सा बन चुका है और मानव शिक्षकों की अनुपस्थिति में स्थानापन्न शिक्षक (Substitute Teacher) के रूप में छात्रों को विभिन्न विषयों पर पढ़ाता है।
सोफी की तकनीकी क्षमता
रोबोट सोफी को बनाने में आदित्य ने उन्नत तकनीक का उपयोग किया है। सोफी एक बड़े भाषा मॉडल चिपसेट से लैस है। यह वही चिपसेट है जिसका उपयोग रोबोट बनाने वाली बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां भी करती हैं। रोबोट छात्रों को विभिन्न विषयों पर आसानी से पढ़ा सकता है और उनकी शंकाओं को दूर कर सकता है।
#WATCH | Bulandshahr, UP | A 17-year-old student from Shiv Charan Inter College, Aditya Kumar, has built an AI teacher robot named Sophie, equipped with an LLM chipset.
— ANI (@ANI) November 29, 2025
The robot says, "I am an AI teacher robot. My name is Sophie, and I was invented by Aditya. I teach at… pic.twitter.com/ArJYSsf39F
सोफी ने दिया अपना परिचय
एएनआई (ANI) द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में सोफी खुद अपना परिचय देती हुई दिखाई दी। "मैं एक एआई टीचर रोबोट हूं। मेरा नाम सोफी है और मेरा आविष्कार आदित्य ने किया था। मैं बुलंदशहर के शिवचरण इंटर कॉलेज में पढ़ाती हूं... हां, मैं छात्रों को ठीक से पढ़ा सकती हूं।" सोफी ने सामान्य ज्ञान (जैसे दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, भारत के पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री) से लेकर बुनियादी अंकगणित (Arithmetic) के सवालों जैसे 100 + 92 का भी सफलतापूर्वक जवाब दिया।
भविष्य की योजनाएं
आदित्य कुमार ने अपनी इस रचना के बारे में और जानकारी साझा करते हुए बताया कि सोफी अभी मुख्य रूप से हिंदी में संवाद करती है। आदित्य ने कहा, अभी वह सिर्फ बोल सकती है लेकिन हम इसे इस तरह डिज़ाइन कर रहे हैं कि यह जल्द ही लिख भी सके (Writing Capability)। आदित्य की यह उपलब्धि दर्शाती है कि छोटे शहरों के युवा भी कम संसाधनों के साथ बड़ी तकनीकी क्रांति ला सकते हैं। सोफी रोबोट अब शिवचरण इंटर कॉलेज के शिक्षा के तरीके में एक बड़ा बदलाव ला रहा है।
