Corona virus को लेकर फैली 14 अफवाहें, WHO ने बताया सच

Friday, Mar 13, 2020 - 03:36 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दुनियाभर में कोरोना वायरस से दहशत का माहौल है। दुनिया के 118 देश कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। भारत में भी अब तक 76 मामले साने आए हैं। वहीं कोरोना से भारत में एक की मौत भी हो गई। वहीं स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण के 80 प्रतिशत मामले घातक प्रकृति के नहीं होते और संक्रमित मरीज सामान्य उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं।

 

WHO ने कहा कि रोगी सामान्य उपचार के बाद बिल्कुल ठीक हो जाता है। केवल कुछ मामलों में रोगी को सांस लेने में थोड़ी कठिनाई होती है लेकिन इलाज के बाद वह भी ठीक हो जाते हैं। WHO ने कई ऐसी बातों की लिस्ट बनाई जिससे कोरोना को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं उस पर रोक लगाई जा सके। WHO ने कई सवालों के जवाब दिए हैं। जैसे वायरस हवा या पानी से नहीं फैलता। संक्रमित व्यक्ति से एक मीटर से अधिक फासले पर रहने से इसके संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।

 

WHO ने बनाई 14 बातों की लिस्ट


गर्मी या सर्दी में कोरोना नहीं
कोरोना वायरस गर्म या सर्द मौसम में नहीं फैलता, यह एक भ्रम है। WHO ने कहा कि कोरोना वायरस कहीं भी, किसी भी क्षेत्र फैल सकता है, इसका गर्म और नम मौसम से संबंध नहीं है। 


ठंडे मौसम व बर्फ से कोरोना वायरस का खात्मा
WHO के मुताबिक यह भी मिथक है कि ठंडा मौसम या बर्फ कोरोना वायरस खत्म कर सकता है। बाहर का तापमान चाहे कितना भी हो, हमारा औसत बॉडी टेंपरेचर 36.5 से 37 डिग्री से के बीच होता है।

गर्म पानी से नहाने से कोरोना से राहत
भले ही गर्म पानी से नहाएं या ठंडे से कोरोना पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। कोरोना इससे नहीं मरता है।

मच्छर से कोरोना वायरस
कोरोना वायरस मच्छर के काटने से फैला है ऐसा अब तक कोई मामला सामने नहीं है। कोरोना मैन टू मैन टच से फैल रहा है। न्यू कोरोना वायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी तरह से संपर्क में आने से फैलता है। 

Hand dryers से कोरोना वायरस खत्म
हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस को कोई फर्क नहीं पड़ता। हैंड ड्रायर इस वायरस को मार सकने में समर्थ नहीं है।

अल्ट्रावॉयलेट डिसइंफेक्टेंट लैंप से वायरस खत्म
कोरोना को मारने में अल्ट्रावॉयलेट डिसइंफेक्टेंट लैंप का कोई योगदान नहीं है। इससे हाथ या शरीर के अन्य हिस्सों की त्वचा के कीटाणु भी नहीं मरते। 

थर्मल स्कैनर से कोरोना की जानकारी
कोरोना टेस्ट के लिए जगह-जगह थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन थर्मल स्कैनर बॉडी टेंपरेचर पता कर बुखार के बारे में बता सकता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता इससे नहीं लगाया जा सकता। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को बुखार आने में कम से कम 2 से 10 दिन तक लग जाते हैं।

अल्कोहल/ क्लोरीन स्प्रे से मरता है कोरोना
कोरोना जब शरीर के अंदर दाखिल हो चुका है तो शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे करने से यह वायरस नहीं मरता बल्कि ऐसी जीचों के इस्तेमाल से शरीर को नुकसान ही होता है। हां अगर किसी निर्जीव सतह पर इसका छिड़काव किया जाए तो फायदा हो सकता है।

पालतू जानवरों से कोरोना
पेट्स से कोरोना फैलने का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि पेट्स को टच करने या उसे संपर्क में आने के बाद साबुन से हाथ अच्छे से जरूर धोएं। 

निमोनिया वैक्सीन कोरोना वायरस लाभदायक
निमोनिया से बचाव के लिए दी जाने वाली वैक्सीन कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती। अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है। 

सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव
लगातार सैलाइन से नाक साफ करने से कोरोनावायरस से बचाव होता है, अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है। हां, यह जरूर है कि सैलाइन से लगातार नाक साफ करने से लोग जुकाम से जल्दी रिकवर कर जाते हैं।

लहसुन से कोरोना से बचाव
लहसुन सेहत के लिए अच्छा है लेकिन इसे खाने से कोरोना वायरस से बचने के प्रमाण सामने नहीं आए हैं।

बुजुर्गों और बच्चों पर कोरोना का अटैक
2019-nCoV से हर उम्र वर्ग के लोग संक्रमित हैं। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ बुजुर्गों और बच्चों या कम उम्र के लोगों पर असर डाल रहा है। बुजुर्गों और अस्थमा, डायबिटीज या दिल की बीमारी वाले लोगों पर वायरस का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है।

एंटीबायोटिक्स वायरस के इलाज में कारगर
अभी तक ऐसी कोई दवा सामने नहीं आई है जो कोरोना के इलाज में कारगर हो। सही जानकारी और देखभाल से जरूर कोरोना से बचा जा सकता है।
 

Seema Sharma

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