दुनिया के 15 प्रदूषित शहरों में 14 भारत के, टॉप पर कानपुर, दिल्ली और श्रीनगर भी पीछे नहीं

Wednesday, May 02, 2018 - 10:14 PM (IST)

नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है। इस सूची में भारत के 14 शहर शामिल है। सूची में सबसे पहले नंबर पर कानपुर है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण के मामले में भारत की स्थिति काफी खराब है। वहीं पिछले साल भारी स्मॉग का सामना कर चुकी दिल्ली इस लिस्ट में छटे स्थान पर है। 2015 में दिल्ली का स्थान चौथा था। WHO की ताजा आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में पीएम 2.5 ऐनुल ऐवरेज 143 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है जो नेशनल सेफ स्टैंडर्ड से तीन गुना ज्यादा है।

एक नजर सबसे प्रदूषित शहरों परः 

 

  • कानपुर : रिपोर्ट के अनुसार, 173 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 2.5 के वार्षिक औसत और 319 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 10 के वार्षिक औसत के साथ यह शहर दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है।
  • प्रदूषण का कारण:  औद्योगिक बिंदु स्रोत (26 प्रतिशत), वाहन (21 प्रतिशत ), घरेलू ईंधन जलना (19 प्रतिशत), औद्योगिक क्षेत्र स्रोत (7 प्रतिशत), कचरा जलाने (5 प्रतिशत) और अन्य शामिल हैं।       

 

  • दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी 2016 में पीएम 2.5 के मामले में 143 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के वार्षिक औसत के साथ दुनिया में छठे स्थान पर और पीएम 10 के मामले में 292 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के वार्षिक औसत के साथ तीसरे स्थान पर थी। 
  • प्रदूषण का कारण: सड़क की धूल (56 प्रतिशत), कंक्रीट की बैचिंग या कंक्रीट संयंत्र बनाने वाले उपकरण (10 प्रतिशत), औद्योगिक बिंदु स्रोत (10 प्रतिशत) और वाहन (9 प्रतिशत) की भागीदारी है।       

 

  • वाराणसी : यह शहर 2016 में पीएम 2.5 के मामले में 151 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के वार्षिक औसत के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर और पीएम 10 के मामले में यह शहर तीसरे स्थान पर था।
     
  • पटना: पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तरों दोनों के मामले में दुनिया में पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। 
  • प्रदूषण का कारण: परिवहन, सड़क की धूल, घरेलू स्रोत, जनरेटर सेट, खुले में कचरा जलाना, विनिर्माण उद्योग, ईंट भट्टे और भवन निर्माण गतिविधियों के चलते यहां वायु प्रदूषण की यह स्थिति है।      


10 लोगों में से 9 लोग प्रदूषित हवा से प्रभावित

  • रिपोर्ट के अनुसार धरती पर 10 लोगों में से नौ लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं और इससे हर साल करीब 7 मिलियन लोगों की मौत होती है। एशियाई और अफ्रीकी देशों में  इस तरह के ज्यादा मामले आते हैं।

वायु प्रदूषण से निपटने के प्रयास बढ़ाए जाएं

  • डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से प्रदूषण की समस्या पर सक्रियता से ध्यान देने का आह्वान किया और कहा कि हर साल दुनियाभर में घर के अंदर और बाहर के वायु प्रदूषण के कारण होने वाली 70 लाख समयपूर्व मौतों में से 34 प्रतिशत मौतें इस क्षेत्र में होती हैं। संगठन ने यह बात ऐसे समय कही जब उसकी एक रिपोर्ट में दिल्ली और भारत के 13 अन्य शहरों को 2016 में पीएम 2 .5 स्तर के संदर्भ में विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल किया गया है। 


हो सकती है गंभीर बीमारियां

  • डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि वायु प्रदषूण हृदय एवं सांस संबंधी बीमारियों तथा फेफड़ों के कैंसर जैसे असंचारी रोगों में अहम कारक है। उन्होंने ऊर्जा सक्षम आवास एवं बिजली उत्पादन, सुरक्षित एवं सस्ती सार्वजनिक परिवहन प्रणालियां बनाने तथा उद्योग एवं निकाय कूड़ा प्रबंधन को सुधारने के साथ असरदार शहरी योजना में निवेश की जरूरत पर जोर दिया।  

Seema Sharma

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