आंसू और दर्द के 12 साल, 26/11 के खौफनाक हमले को याद कर आज भी कांप जाती है रूह
Thursday, Nov 26, 2020 - 11:52 AM (IST)
नई दिल्ली: मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले की आज बरसी है। 12 साल पहले हुए इस हमले के जख्म भले ही भर गए हों लेकिन निशान अब भी बाकी है। 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने देश को ऐसा दर्द दिया जिसे शायद ही कोई भूल सके। आज भी उस दर्दनाक घटना को याद कर रूह कांप उठती है। कैसे उन दरींदों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 160 से ज्यादा मासूम लोगों की जान ले ली थी। इस दौरान पूरी मुंबई बम धमाकों और गोलीबारी की आवाज से गूंज उठी थी जिसकी आवाज पूरी दुनिया ने सुनी। इस मुश्किल समय में मुंबई पुलिस के जवानों ने हिम्मत नहीं हारी और डटकर सामन किया। जानिए 12 पहले हुए आतंकी की पूरी कहानी:-
रेलवे स्टेशन पर की थी अंधाधुंध फायरिंग
मुंबई के रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर आंतकी खेल शुरु हुआ था। आतंकियों ने वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग की थी और हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे। जिसकी वजह से 58 बेगुनाह यात्रियों की मौत हो गई थी। जबकि कई लोग गोली लगने और भगदड़ में गिर जाने की वजह से घायल हो गए थे।
शहर में 4 जगहों पर चली मुठभेड़
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अलावा आतंकियों ने ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल और दक्षिण मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे। इसी दिन शहर में 4 अन्य जगहों पर मुठभेड़ चल रही थी।
हेमंत करकरे अपनी टीम में शहीद होने वाले पहले अधिकारी थे
एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड के चीफ हेमंत करकरे 26-11 के मुंबई हमलों में शहीद होने वाले पहले अधिकारी थे। 1982 बैच के आईपीएस अफसर थे। हमले वाले दिन हेमंत करकरे अपनी टीम के साथ सीएसटी स्टेशन पहुंचे तो वहां सिर्फ लाशें बिछी थीं। करकरे ने आतंकियों का पीछा किया और वे उन तक पहुंच भी गए। लेकिन दोनों ओर से चली गोलीबारी में करकरे के सीने में तीन गोलियां लगीं और वे शहीद हो गए।
कसाब को जिंदा पकड़ लिया था
26 नवंबर 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और 166 बेगुनाह लोगों को गोलियों से छलनी करके मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में कई लोग जख्मी भी हुए थे। भारतीय सेना ने कई आतंकियों को मार गिराया था जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था।
कसाब को दी गई फांसी
मुंबई हमले मामले की सुनवाई के बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी लगी दी गई जबकि हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में पाकिस्तान में खुला घूम रहा है।