कैश फॉर क्वेश्चन स्कैमः 12 साल बाद 11 सांसदों पर तय होंंगे आरोप

Thursday, Aug 10, 2017 - 07:20 PM (IST)

नई दिल्लीः नोट के बदले सवाल पूछने वाले 11 निष्‍कासित सांसदों की अब शामत आने वाली है। मामले के खुलासे के करीब 12 साला बाद विशेष अदालत ने तत्कालीन संसादों पर आरोप तय करने का आदेश जारी किया है। अदालत ने आपराधिक साजिश रचने के कथित अपराध और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। 

दिसंबर 2005 के स्टिंग में हुआ खुलासा  
आपको बता दें कि दिसंबर 2005 में एक टीवी स्टिंग में नजर आया था कि कैसे सांसद सदन में सवाल पूछने के एवज में घूस की मांग करते हैं। इन सांसदों में बीजेपी के छह सांसद, बीएसपी के तीन, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के एक-एक सांसद थे। जब यह मामला सामने आया तो राज्यसभा की ओर से एक समिति बनाई गई थी। वहीं लोकसभा पवन कुमार बंसल की कमेटी ओर से बनाई गई रिपोर्ट से सहमत नजर आई। सांसदों को 23 दिसंबर 2005 को बर्खास्त कर दिया था। कथित रूप से धन लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले से जुड़े 10 लोकसभा सदस्यों और एक राज्यसभा सदस्य को 23 दिसंबर 2005 को बर्खास्त कर दिया था।

इन सांसदों का है नाम
अदालत ने सभी 12 आरोपियों को उनके खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय करने के लिए 28 अगस्त को उसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया। इस मामले में पूर्व सांसदों छतरपाल सिंह लोढ़ा (भाजपा), अन्ना साहब एम के पाटिल (भाजपा), मनोज कुमार (राजद), चंद्र प्रताप सिंह (भाजपा), रामसेवक सिंह (कांग्रेस), नरेंद्र कुमार कुशवाहा (बसपा), प्रदीप गांधी (भाजपा), सुरेश चंदेल (भाजपा), लाल चंद्र कोल (बसपा), वाई जी महाजन (भाजपा) और राजा रामपाल (बसपा) को आरोपी बनाया गया है।  इनके अलावा अदालत ने रवींद्र कुमार के खिलाफ भी आरोप तय करने का आदेश दिया है। इस मामले के एक अन्य आरोपी विजय फोगाट की मौत हो जाने के कारण उसका नाम हटा दिया गया है।  

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी निष्कासन पर रोक 
साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले में शामिल 11 सांसदों के निष्कासन पर रोक लगा दी थी। पांच जजों की बेंच ने यह फैसला दिया था। जो सांसद इस घोटाले में शामिल थे उनमें से 10 लोकसभा के तो एक सांसद राज्यसभा के थे। मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने अपने ग्वालियर से सांसद को सस्पेंड कर दिया था। वहीं बीजेपी ने भी घोटाले में शामिल सांसदों की सदस्यता निरस्त कर दी थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी जो उस समय पार्टी अध्यक्ष थे उन्होंने कहा था कि इस पूरे मसले पर हर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। 

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