कश्मीर में छात्रों ने आतंकवाद को दिखाया अंगूठा: 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 98 प्रतिशत भागीदारी

Wednesday, Nov 16, 2016 - 01:59 PM (IST)

श्रीनगर :  कश्मीर घाटी में 12 वीं की परीक्षा का आयोजन सफ लतापूर्वक होने के बाद 558 विभिन्न केंद्रो पर दसवीं की परीक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई।
सुरक्षा तथा अन्य चिंताओं को दरकिनार करते हुये विद्यालय वार्षिक शिक्षण बोर्ड (बोस) से पंजीकृत 95 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों ने कल घाटी में 12 वीं की परीक्षा दी। हालांकि घाटी में सुरक्षा कारणों के मद्देनजर कई जगहों पर खासकर दक्षिण कश्मीर में परीक्षा केंद्र बदले गये थे।


हड़ताल और कफ्र्यू से प्रभावित घाटी में गत 130 दिन से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठप्प है इसलिये छात्रों के अभिभावक निजी वाहनों या तिपहिये वाहनों से अपने बच्चों को परीक्षा केंद्र छोडऩे आये और उनके परीक्षा केंद्र से निकलने तक बाहर ही इंतजार करते नजर आये। कई छात्रों और अभिभावकों को सार्वजनिक परिवहन बंद होने की वजह से परीक्षा केंद्र पहुंचने तक काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा।


दसवीं कक्षा में परीक्षा देने वाले एक छात्र के पिता शाबिर अहमद ने कहा कि सरकार को परीक्षा लेने से पहले यहां स्थिति सामान्य करवाना चाहिये था। घाटी में मौजूदा अशांति के बीच सरकार का परीक्षा करवाने का निर्णय काफी अव्यवहारिक है। सरकार परीक्षा आयोजित करवाकर सिर्फ  सामान्य स्थिति का भ्रम पैदा करना चाहती है।


एक अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि दसवीं की परीक्षा 558 केंद्रो पर पर शुरू हो गई हंै और इसमें लगभग 55500 परीक्षार्थी शामिल हो गए जबकि 777 परीक्षा में अनुपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि लगभग 98.61 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा केंद्रो के पास सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा 144 लगाई गई है।


उल्लेखनीय है कि अनंतनाग में गत आठ जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से नौ जुलाई को शुरू हुई भहसा से घाटी में शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और कई शिक्षण संस्थानों को रहस्यमयी परिस्थितियों के बीच जला दिया गया है।

 

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