भारत-चीन सीमा से सटे 100 गांवों का होगा विकास, राज्य सरकार केंद्र को भेजेगी प्रस्ताव

Thursday, Dec 31, 2020 - 07:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड भारत का ऐसा राज्य है जिसकी सीमाएं चीन से लगती हैं। चीन सीमा के पास कई गांव बसे हुए हैं लेकिन बीते कुछ समय से लगातार हो रहे पलायन से यहां के गांव खाली हो रहे हैं। जोकि सुरक्षा के नजरिए से ठीक नहीं है। अब इंटरनेशनल बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम तहत इन गांवों के विकास के लिए जल्द ही केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा। राज्य कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि सरकार ने यह फैसला सीमा से लगे करीब 100 गांवों में प्रवास पर अंकुश लगाने और रोजगार बढ़ाने के लिए लिया गया है।

कृषि मंत्री उनियाल ने बताया 'भारत-चीन सीमा के पास हमारे करीब 100 गांव हैं, जिन्हें इंटरनेशनल बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत मॉडल गांव के रूप में तैयार किया जाएगा।' उन्होंने बताया 'हम इन गांवों को इंटीग्रेटेड मॉडल एग्रीकल्चर (IMA) के तौर पर विकास करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहे हैं।'

सरकार ने विकास के लिए 11 ब्लॉक के गांवों को चुना
कृषि मंत्री ने बताया कि इस प्लान में कृषि को  बढ़ाने, सीमा के इलाकों में हॉर्टिकल्चर के मौके तलाशे जाएंगे। इसके अलावा मत्सय, पशुपालन, डेयरी जैसे कई तरीकों पर काम किया जाएगा। राज्य सरकार ने विकास के लिए 11 ब्लॉक के गांवों को चुना है। जिनमें से 4 पिथौरागढ़, एक चमोली, तीन उत्तरकाशी, एक उधम सिंह नगर और दो ब्लॉक चंपावत जिले से हैं।

मंत्री ने कहा कि इन इलाकों में कृषि विकास के पीछे का मकसद है हो रहे पलायन को रोकना और सीमावर्ती इलाकों में समृद्धि लाना है। प्रवास को रोकना रणनीतिक तौर पर काफी जरूरी है।इस प्रस्ताव में गांवों के 1 से 10 किमी रेडियस में आने वाले क्षेत्र शामिल होंगे। बता दे कि सीमावर्ती इलाकों से लोगों के पलायन को रोकने और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बढ़ा कदम उठाया है। 

rajesh kumar

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