10 साल के बच्चे को पत्थरबाज समझ लिया हिरासत में, हथकड़ी लगी देख रो पड़ी नर्स

Friday, Jun 02, 2017 - 04:34 PM (IST)

श्रीनगरः जिले के नूरबाग में रहने वाले 10 वर्षीय सुहैल के चेहरे से मुस्कान कहीं गुम हो गई है, अब वो आम बच्चों की तरह हंसता-खेलता नहीं है। हर दम चुपचाप -सा रहता है, किसी से कुछ कहता नहीं लेकिन उसके दिमाग में कुछ चलता रहता है। दरअसल उसके साथ जो हुआ उस बात ने उस पर गहरा असर किया है। एक रात सुहैल को पुलिस उठाकर थाने में ले गई और एक रात थाने में व कोर्ट में पेशी के बाद उसे 5 दिन के लिए किशोर सुधार गृह में भेज दिया गया। किसी तरह उसे जमानत तो मिल गई लेकिन वह उस दिन के बाद  से अभी तक उभर नहीं पाया है, सबसे कटा हुआ है।

क्यों हुआ सुहैल गिरफ्तार
एक रात पुलिस थाने में और पांच दिन किशोर सुधार गृह में रह चुके सुहैल पर पुलिस ने दंगा करने, जानलेवा हथियार रखने, सरकारी अधिकारियों को कामकाज से रोकने और उन पर हमला करने आदि को लेकर मामला दर्ज किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार 9 अप्रैल को श्रीनगर उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजी करने वालों में सुहैल भी शामिल था। हालांकि सुहैल ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि वह पत्थरबाजी नहीं कर रहा था बल्कि वहीं दूर खड़ा ये सब देख रहा था।

मामा ने गोद ले रखा है सुहैल को
सुहैल के मामा शेख ने कहा “देखिए कितना दुबला-पतला है ये, अभी 10 साल का भी नहीं हुआ है। क्या ये इतनी दूरी पर खड़ा होकर पत्थर मार सकता है। सुहैल अपने मामा के पास रहता है। उन्होंने उसे गोद ले रखा है। सुहैल के माता-पिता तलाक ले चुके हैं और दोनों में से कोई भी उसे अपने पास नहीं रखना चाहता था इसलिए शेख ने उसे अपने पास रख लिया। शेख श्रीनगर महानगरपालिका में सुपरवाइजर के तौर पर काम करते हैं। उनके खुद के चार बेटे हैं। सुहैल के साथ ही उनके बेटे को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। शेख का एक बेटा नगरपालिका में काम करता है।

हंसना भूल गया है सुहैल
सुहैल की नानी ने बताया कि उसने छोटी-सी उम्र में इतना कुछ देख लिया। पहले मां-बाप अलग हो गए और अब इस घटना ने उसे अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। हंसता तक नहीं है। कुछ पूछो तो बसउसी का जवाब देता है।

क्या हुआ उस दिन
सुहैल के मामा शेख ने बताया कि उन्हें वानियार पुलिस चौकी से फोन आया कि अपने बेटे को लेकर चौकी पर पहुंचो। वे तुरंत अपने बेटों के साथ चौकी पर गए। उन्होंने सुहैल को घर पर छोड़ दिया था क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि इतनी छोटी उम्र में उसे थाने लेकर जाएं। पुलिस ने कहा कि अपने बड़े बेटे को यहां छोड़ जाओ और सुहैल को लेकर थाने में आओ। शेख ने पुलिस को बताया कि उसका बड़ा बेटा दिल का मरीज है और शादीशुदा है इसने कुछ नहीं किया लेकिन पुलिस नहीं मानी और सुहैल को लेकर आने को कहा। शेख ने कहा कि सुहैल छोटा है, उसने क्या किया तो पुलिस ने उन्हें एक तस्वीर दिखाई जिसमें सुहैल सड़क पर खड़ा था। बस पुलिस ने उस तस्वीर को देखकर मान लिया कि सुहैल भी पत्थरबाज है जबकि हकीकत में वह बस वहां मौजूद था।

सुहैल को देख रो पड़ी नर्स
शेख भारी दिल से सुहैल को थाने ले आया। पूरी रात उसे थाने में रखा गया। उसे रक्षक (बुलेटप्रूफ जीप) में घसीटते हुए ले जाया गया। सुहैल ने अपने बाएं पैर को दिखाते हुए बताया कि एक पुलिसवाले ने उसे राइफर के कुंदे से मारा था। उसे पुलिस हवालात में दो और लोगों के साथ रखा गया। अगले दिन सुहैल को चेकअप के लिए (पुलिस कंट्रोल रूम में ले जाया गया। वहां एक पुलिसवाले ने थप्पड़ मारते हुए मजाक उड़ाते हुए उसे नेवला कहा। उसके हाथ में हथकड़ी जाली हुई थी। उसे ऐसे देख चेकअप करने वाली नर्स भी रो पड़ी। नर्स ने पुलिसवालों को सुहैल पर मामला दर्ज नहीं करने की गुजारिश भी की और सुहैल को 40 रुपए दिए। पुलिस ने सुहैल पर मामला दर्ज कर दिया और उसे अदालत में हाजिर किया जहां से उसे किशोर सुधार गृह भेज दिया गया। जमानत का इंतजाम होने तक सुहैल पांच दिन किशोर सुधार गृह में रहा। शेख ने कहा कि, “सुहैल जमानत पर रिहा तो हो गया है लेकिन उस पर मुकद्दमा अभी चल रहा है और उन्हें डर है कि न जाने आगे क्या होगा।

पुलिस ने दी सफाई
सुहैल कि गिरफ्तारी के बारे में कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मुनीर खान ने कहा कि उसे उनके पद संभालने से पहले गिरफ्तार किया गया था। मुनीर खान ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मुझे इस मामले के बारे में फोन किया था और हम इसकी पड़ताल कर रहे हैं।” आईजी मुनीर कहते हैं कि उन्होंने पुलिस को नाबालिगों को अपराधियों के साथ पुलिस हिरासत में न रखने का आदेश दिया है और इस मामले की जांच की जा रही है।

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