शेर के बाड़े में कूदने से लेकर उसे बेहोश करने तक...जानें 10 कर्मियों ने कैसे बचाई युवक की जान
Friday, Oct 18, 2019 - 01:44 PM (IST)
नई दिल्लीः दिल्ली चिड़ियाघर में गुरुवार को सुंदरम नाम का शेर अपने बाड़़े में आराम से टहल रहा था कि तभी एक युवक उसके सामने कूद पड़ा। युवक को बाड़े में कूदा देख जहां पयर्टकों की सांसें फूल गईं वहीं चिड़ियाघर के कर्मी भी सन्न रह गए। सुंदरम के बाड़े में कूदा रेहान खान नाम का शख्स जिंदा नहीं बाहर आता अगर चिड़ियाघर के कर्मचारी सतर्कता नहीं दिखाते।
रेहान और सुंदरम के बीच तनिकभर की भी दूरी नहीं थी लेकिन शख्स शेर के सामने अजीब हरकते करने लग गया। ऐसे में सबसे पहले चिड़ियाघर का गार्ड बाड़े में कूदा और उसने सुंदरम का नाम पुकारना शुरू कर दिया ताकि उसका ध्यान भटकाया जा सके लेकिन तब भी युवक वहं से नहीं हटा तो 10 कर्मियों की टीम बाड़े में कूदी और शख्स को सुरक्षित बाहर निकाला गया। चिड़ियाघर के सुरक्षा अधिकारी रोहित कुमार, क्षेत्राधिकारी सौरभ वशिष्ठ ने तुरंत कार्रवाई की और निदेशक रेणू सिंह ने बचाव अभियान का संचालन किया। बचाव कार्य को 10 अधिकारियों की टीम ने अंजाम दिया।
यह है पूरा मामला
गुरुवार को मूल रूप से बिहार में पूर्वी चम्पारण का निवासी 25 वर्षीय रेहान खान, जो सीलमपुर में रहता है शेर के बाड़े में कूद गया और शेर के सामने चला गया। यह सब महज कुछ क्षणों के अंदर हुआ। दिल्ली चिड़ियाघर के प्रवक्ता रियाज खान ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश लेकिन पहले ही वह 20 फुट गहरे बाड़े में कूद गया। खतरे से बेपरवाह व्यक्ति शेर के सामने चला गया लेकिन चिड़ियाघर कर्मियों ने समय रहते शेर को बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसे बचा लिया।
वहीं अधिकारियों ने बताया कि यह सब आसान नहीं था क्योंकि अगर बेहोश सुंदरम का ध्यान भटक जाता तो वह किसी भी कर्मी पर भी हमला कर सकता था। ऐसे में पहले 6 से 7 मिनट तक उसके बेहोश होने का इंतजार किया गया और उसके बाद से युवक को बाड़े से बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि कर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए युवक को बचाना अपनी प्राथमिकता समझा लेकिन युवक बाड़े से बाहर आने तक को तैयार नहीं था।
बता दें कि इस घटना से 2014 में हुए हादसे की यादें ताजा हो गई जब एक व्यक्ति सफेद बाघ के बाड़े में कूद गया था। बाघ के हमले के कारण उस व्यक्ति की मौत हो गई थी जिसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन को सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने पर मजबूर होना पड़ा।