सीजेरियन डिलीवरी से होने वाले नुकसान

punjabkesari.in Tuesday, Oct 13, 2015 - 05:34 PM (IST)

पिछले कुछ समय से नार्मल की बजाए सीजेरियन डिलीवरी ज्यादा हो रही हैं। यह एक तरह की सर्जरी होती है, जिसके द्वारा अप्राकृतिक प्रसव करवाया जाता है। इसमें गर्भाशय में चीरा लगाकर बच्चे को बाहर निकाल लिया जाता है। वैसे बाकी सर्जरी की तरह इसमें काफी परेशानियां होती हैं और इसके बाद कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं।

महिलां इस बारे में बिलकुल भी जागरूक नहीं होती है लेकिन सीजेरियन का असर उनके बच्चे के सेहत पर पड़ता है। जिन बच्चों का जन्म सामान्य तरीके से नहीं होता उनका जन्‍मनाल के सम्‍पर्क में नहीं आ जाता है, जिसके कारण उसमें जीवाणु अणुओं के साथ सम्पर्क में न आने की वजह से उसकी इम्‍यूनिटी कम हो जाती है। ऐसी एक नहीं बल्कि कई अन्‍य समस्‍याएं भी होती हैं। 

-सीजेरियन डिलीवरी होने के बाद महिला का शरीर ज्यादा कमजोर हो जाता है और नॉर्मल डिलीवरी की बजाए दो गुना खून बहता है। नॉर्मल प्रसव से सिर्फ दर्द होता है लेकिन ऑपरेशन से प्रसव होने के बाद महिला का शरीर अंदर से काफी कमजोर हो जाता है जो जीवनभर की समस्या बन जाती है।  

-ऐसी महिलाओं को अस्‍थमा, डायबटीज और मोटापे की समस्‍या हो सकती है। सीजेरियन से बच्चे को सांस संबंधी समस्या हो सकती है। एक शोध में तो यह बात सामने आई है कि सर्जरी से होने वाले बच्‍चों में ब्रोनकाईटिस आदि की समस्‍या ज्‍यादा होती है। 

-सीजेरियन वाले बच्चे जन्मनाल के माध्यम से न गुजरने के कारण कुदरती तौर से कमजोर होते हैं। उसकी इम्‍यूनिटी कम हो जाती है, उसे एलर्जी सम्‍बंधी समस्‍या भी जल्‍दी हो जाती है। 

- एक स्टडी में तो यह बात सामने आई है कि सीजरेयिन मां और बच्चे को मोटापे की समस्या हो जाती है। उनका वजन ज्यादा हो जाता है। 

- सामान्‍य प्रसव से पैदा होने वाले बच्‍चे, ऑपरेशन से पैदा होने वाले बच्‍चों की अपेक्षा 46 प्रतिशत ज्‍यादा स्‍वस्‍थ रहते हैं। ऐसे में बच्‍चे को अप्रत्‍यक्ष रूप से कई और भी दिक्‍कतें हो जाती है, जिसकी जड़ मोटापा होता है। वह उम्र से ज्यादा बडे़ नजर आते हैं। 

-उनमें इंसुलिन की मात्रा भी संतुलित नहीं ही रहती है। ऐसे बच्‍चे, बचपन में इतने कमजोर होते हैं कि उनमें ताउम्र कोई न कोई समस्‍या बनी ही रहती है।


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