स्वाद ही नहीं, सेहत भी (PHOTOS)

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2015 - 10:54 AM (IST)

बीमारियों के बढ़ते ग्राफ ने लोगों को सेहत के प्रति जागरूक किया है। हर कोई चाहता है कि उसका स्वास्थ हमेशा ठीक रहे। आपकी सेहत अच्छी रहे इसका दारोमदार काफी हद तक आपके खानपान की हैबिट्स पर निर्भर करता है। बेहतर सेहत के लिए आपको खाने-पीने की कुछ चीजों पर नियंत्रण होगा, तो कुछ चीजों को डाइट में शामिल करना होगा, इसके साथ ही कुछ चीज़ों का सही तरीके से इस्तेमाल करना भी सीखना होगा...

- चाय बनाते समय इसमें 3-4 तुलसी की पत्तियां डाल दें, इससे तनाव कम होता है और खून से यूरिक एसिड का स्तर भी कम होता है। 

- आटा पानी की बजाय दूध या दाल या  कसी हुई सब्जियां मिला कर गूंधें। बच्चे सब्जियां कम ही खाते हैं, पर इस तरह उन्हें रोटी के साथ सब्जी और दाल का पोषण भी मिल जाएगा।

- दाल और सब्जी को धीमी आंच पर पकाना चाहिए, इससे उसमें मौजूद पोषक तत्वों में तेज आंच की अपेक्षा कई गुना इजाफा होता है।

- जितनी भी प्रोटीन आधारित चीजें होती हैं, उनमें एमिनो एसिड्स होते हैं, उन्हें पचाने के लिए खट्टी चीजों का उपयोग किया जाता है। ऐसा करने से ये आसानी से हजम हो जाती हैं।

- मौसमी फल और सब्जियों का ज्यादा उपयोग करना चाहिए, क्योंकि हर मौसम में उगने वाले फल और सब्जियां उस मौसम में आवश्यक तत्वों वाले होते हैं। बेमौसम की सब्जियां उतनी पोषक नहीं होतीं।

- सब्जी पकाने के लिए लोहे की कड़ाही का चयन करें। लोहे के बर्तन में खाना पकाना आयरन कंटेंट की आपूर्ति में मदद करता है।

- करी पत्ता का इस्तेमाल आमतौर पर हर दक्षिण भारतीय व्यंजन पकाने में किया जाता है। इससे खाने का स्वाद और खुशबू तो बढ़ती ही है साथ ही यह आयरन का बढ़िया स्त्रोत भी होता है।

- शरीर में बहुत सारे विषैले पदार्थ होते हैं, जिन्हें निकालना जरूरी होता है। एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल एवं एंटी-बायोटिक गुणों के कारण लहसुन को डाइट में शामिल करें।

- चीनी जिसे सफेद ज़हर भी कहा जाता है, उसकी बजाय गुड़ को प्राथमिकता दें। 10 ग्राम गुड़ में 8 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.30 मिलीग्राम आयरन, 16 मिली ग्राम मैग्नीशियम और 13 मिलीग्राम पोटैशियम मिलता है जबकि 100 ग्राम चीनी में 387 कैलोरी होती हैं। आयरन और कैल्शियम जैसे तत्व नदारद होते हैं।

- होल ग्रेन आटा सेहत के लिए बहुत बढ़िया है। गेहूं के होल ग्रेन आटे में डाइटरी फाइबर 59 फीसदी होता है, जबकि रिफाइंड आटे में यह लगभग शून्य ही होता है।


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