गर्मी से बचने के लिए करें एेसी चीजों का सेवन

Sunday, Aug 02, 2015 - 10:58 AM (IST)

ककड़ी
ककड़ी ठंडी, सुपाच्य व तृप्तिदायक होती है । यह थकान दूर करती है । ककड़ी में विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में तथा विटामिन ‘ए’ आंशिक मात्रा में पाया जाता है । अत: गर्मी के मौसम में ककड़ी का सेवन अवश्य करना चाहिए ।

पपीता
पपीता गर्मी के मौसम में सेवन योग्य एक उत्तम फल है । मंदाग्रि, कब्ज, अजीर्ण, आंतों का शोथ, पेट फूलना आदि उदर संबंधी विकारों में पके हुए पपीते के टुकड़ों पर काला नमक, जीरा और नींबू का रस मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करने से पूरा लाभ मिलता है ।

अंगूर
अंगूर निरोगियों के लिए पौष्टिक आहार है तथा मरीजों के लिए आरोग्यवद्र्धक पथ्य है । इसके सेवन से पेट की जलन और गैस्ट्रिक में लाभ मिलता है तथा भोजन का पाचन सुचारू रूप से होता है । अंगूर में विद्यमान साइट्रिक और टार्टरिक अम्ल रक्त का शोधन करने के साथ ही आंतों व गुर्दों के काम को सुव्यविस्थत करते हैं ।

पुदीना
गर्मी के मौसम में हरे पुदीने का प्रयोग करने से पूरा लाभ मिलता है । सुबह के समय 1 गिलास पानी में 20 ग्राम हरे पुदीने का रस और 20 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से शरीर तरोताजा हो जाता है और गैस्ट्रिक की शिकायत दूर होती है । हरे पुदीने को बारीक पीसकर रात में सोने से पहले चेहरे पर लेप करने से मुंहासे नष्ट हो जाते हैं तथा त्वचा की ऊष्णता भी दूर होती है ।

नींबू
नींबू की शिकंजवी पीने से गर्मी के प्रकोप से बचाव होता है और तरोताजगी महसूस होती है । नींबू रक्त का शोधन करता है । कब्ज सहित विभिन्न उदर संबंधी रोग-विकारों में नींबू का सेवन बहुत ही फायदेमंद है । इसलिए गर्मी के मौसम में नींबू की शिकंजवी, नींबू-पानी आदि का प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिए ।

तरबूज
यह क्षुधावद्र्धक और ठंडी तासीर वाला फल है । तरबूज के रस में आंवले का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से मूत्र की जलन शांत होती है । हाथ-पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में तरबूज के हरे छिलके तथा इसके नीचे के सफेद गूदे में कपूर और चंदन मिलाकर लेप करने से जलन दूर होती है ।

 
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