बिना संगीत की शिक्षा लिए सुनिधि चौहान ने हासिल किया मुकाम

punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2015 - 05:19 PM (IST)

मुंबई : नारी एक शक्ति है वह चाहे तो कुछ भी हासिल कर सकती हैं और संगीत की दुनिया में सफतला पाने वाली सुनिधि चौहान आज कई लड़कियों की आदर्श है। संगीत में विधिवत ट्रेनिंग न लेने के बावजूद सुनिधि चौहान आज फिल्म इंडस्ट्री की बडी गायिकाओं में से एक है। 

एक इंटरव्यू में सुनिधि ने बताया कि उन्होंने जीवन में कई उतार-चढावों का सामना किया है और आज वह चुनौतियों से नहीं घबरातीं। लंबे समय के बाद किसी रिअलिटी शो में नज़र आ रही सुनिधि इन दिनों ''द वॉयस ऑफ इंडिया'' में मेंटर और कोच की भूमिका निभा रही है। जब उनसे पूछा गया कि वह इतने   दिन से कहां थीं तो उन्होंने कहा कि हां, बीच में टीवी के कई शोज का ऑफर ठुकराया भी, क्योंकि वे मुझे नहीं जंच रहे थे। अब वॉयस इंडिया में एक बार फिर आ रही हूं। यह शो थोडा अलग है। इसमें मुझे नई प्रतिभाओं का कोच और मेंटर बनने का मौका मिला है। सिखाने का मौका था तो क्यों चूकती! 

आपकी कोई म्यूजिक ट्रेनिंग भी नहीं हुई आपकी फिर कौन सी प्रेरणा थी कि आप संगीत में आ गईं इसके जवाब में सुनिधि ने कहा बचपन से ही लता जी, किशोर दा और उस समय के लगभग सभी नामी सिंगर्स के गाने मुझे अभिभूत करते थे। मैं उनके गाने गाती रहती थी। कोई भी मुझे गाने से नहीं रोक सकता था। मैं अकेले बैठ कर घंटों प्रैक्टिस करती थी। तब तो मुझे इतना भी पता नहीं था कि गाना सीखने के लिए गुरु की जरूरत  होती है। हालांकि अब मैं महसूस करती हूं कि किसी भी फील्ड में ट्रेनिंग का अपना महत्व होता है। यह नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि आपको परिष्कृत करती है। 

रियलिटी शोज में जज बनने का अनुभव कैसा रहा? आप तो कई शोज में निर्णायक रह चुकी हैं। कैसी प्रतिभाएं आ रही हैं संगीत के क्षेत्र में? क्या छोटे शहरों की प्रतिभाओं को मौका मिल पाता है? म्यूजिक शोज में निर्णायक मंडल का हिस्सा बनना मेरे लिए हमेशा अच्छा अनुभव रहा है। इनसे संगीत को आगे बढाने, नई प्रतिभाओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। मैं यहां हर दिन कोई नई आवाज सुनती हूं, नए लोगों से मिलती हूं। एक आर्टिस्ट के तौर पर मैं उनसे सीखती भी हूं और मुझे उनके जरिए खुद का विकास करने का मौका मिलता है। ऐसे शोज के जरिए वास्तविक प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। 


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