23 जुलाई जन्मदिन: लोकमान्य तिलक के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
punjabkesari.in Thursday, Jul 23, 2015 - 12:59 PM (IST)

बाल गंगाधर तिलक भारत के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे। इन्होंने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वराज की मांग उठाई। इनका कथन ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसको लेकर रहूंगा।’ बहुत प्रसिद्ध हुआ। इन्हें आदर से लोकमान्य (पूरे संसार में सम्मानित) कहा जाता है।
तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के एक गांव में हुआ था। वह आधुनिक कालेज शिक्षा पाने वाली पहली भारतीय पीढ़ी में थे। इन्होंने कुछ समय तक स्कूल और कालेजों में गणित विषय पढ़ाया। अंग्रेजी शिक्षा के यहां घोर आलोचक थे और मानते थे कि यह भारतीय सभ्यता के प्रति अनादर सिखाती है। इन्होंने ‘दक्खन शिक्षा सोसायटी’ की स्थापना की ताकि भारत में शिक्षा का स्तर सुधर सके।
तिलक ने मराठी में ‘केसरी’ नामक दैनिक समाचार पत्र शुरू किया जो जल्दी ही जनता में बहुत लोकप्रिय हो गया। इन्होंने अंग्रेजी सरकार की क्रूरता और भारतीय संस्कृति के प्रति हीन भावना की बहुत आलोचना की और मांग की कि ब्रिटिश सरकार तुरंत भारतीयों को पूर्ण स्वराज दे। ‘केसरी’ समाचार पत्र में छपने वाले उनके लेखों की वजह से उन्हें कई बार जेल भेजा गया।
तिलक ने भारतीय समाज में कई सुधार लाने के प्रयत्न किए। वह बाल-विवाह के विरुद्ध थे। उन्होंने हिन्दी को सम्पूर्ण भारत की भाषा बनाने पर जोर दिया। महाराष्ट्र में उन्होंने सार्वजनिक गणेशोत्सव की परम्परा प्रारंभ की ताकि लोगों तक स्वराज का संदेश पहुंचाने के लिए एक मंच उपलब्ध हो।
भारतीय संस्कृति, परम्परा और इतिहास पर लिखे उनके लेखों से भारत के लोगों में स्वाभिमान की भावना जागृत हुई। उनके निधन पर लगभग 2 लाख लोगों ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया।