कम वजन से डिमैंशिया का खतरा

punjabkesari.in Friday, May 01, 2015 - 12:10 PM (IST)

हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बॉडी मॉस इंडैक्स तथा डिमैंशिया यानी स्मृतिनाश के मध्य काफी बड़ा संबंध है । आंकड़ों में पाया गया कि अधेड़ आयु वाले मोटापा ग्रस्त व्यक्ति जिनका बॉडी मॉस इंडैक्स 30 कि.ग्रा./एम.-2 था उनमें स्वस्थकर वजन वाले लोगों के मुकाबले डिमैंशिया पैदा होने का खतरा 30 प्रतिशत तक अधिक था । इस अध्ययन के आंकड़े कुछ पिछली शोधों के विपरीत थे जिनमें यह सुझाव दिया गया था कि मोटापे के कारण डिमैंशिया का खतरा अधिक रहता है । 

लंदन के स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मैडीसन तथा ओक्सोन एपीडैमियोलॉजी ने 20 लाख लोगों के मैडीकल रिकार्ड्स की जांच की । इन लोगों की औसत आयु अध्ययन काल के शुरूआत में 55 वर्ष थी और उनका बॉडी मास इंडैक्स 26.5 कि.ग्रा./एम-2 था । यह उस रेंज में था जिसे आमतौर पर अधिक वजन वाला कहा जाता है । अगले 9 वर्षों के दौरान लगभग 50 हजार लोगों में डिमैंशिया का रोग पाया गया । जो लोग अधेड़ आयु में कम वजन वाले थे उनमें स्वस्थ वजन वाले लोगों के मुकाबले 34 प्रतिशत डिमैंशिया अधिक पाया गया ।

हरेक मोटे व्यक्ति, जिसका बॉडी मास इंडैक्स 40 कि.ग्रा./एम-2 था, उसमें सामान्य वजन वाले लोगों के मुकाबले डिमैंशिया होने का खतरा 29 प्रतिशत कम था । बॉडी मास इंडैक्स में बढ़ौतरी होना 25 कि.ग्रा./एम-2 तक बॉडी मास इंडैक्स वाले लोगों में डिमैंशिया के खतरे को 29 प्रतिशत तक कम कर देता है । 25 कि.ग्रा./एम-2 से ऊपर बॉडी मास इंडैक्स वाले लोग, जिन्हें मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है, उनमें धीरे-धीरे डिमैंशिया का खतरा कम होता गया था और यह रुझान 35 कि.ग्रा./एम-2 या इससे ऊंचे बॉडी मास इंडैक्स वाले लोगों में मौजूद रहा था ।

अध्ययनकर्त्ताओं के अनुसार हमें कम वजन तथा डिमैंशिया के बढ़ते खतरे के बीच संबंध के परिणामों तथा कारणों पर ध्यान देने की जरूरत है । इस अध्ययन ने डिमैंशिया के रक्षात्मक कारकों की खोज के क्षेत्र में नए दरवाजे खोले । यदि हम यह समझ सकें कि क्यों उच्च बॉडी मास इंडैक्स वाले लोगों में डिमैंशिया का खतरा कम होता है तो यह संभव है कि डिमैंशिया के नए उपचार विकसित किए जा सकें ।

 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News