गुर्दों तथा आंखों पर प्रभाव डालती है ये बीमारियां

Friday, Feb 27, 2015 - 03:23 PM (IST)

ब्लड प्रैशर (140/90 एम.एम. एच.जी.)
ब्लड प्रैशर को तब ऊंचा माना जाता है जब यह 140/90 मिलीमीटर्स ऑफ मर्करी (एम.एम./ एच.जी.) से अधिक हो । पहला अंक आपका सिस्टोलिक प्रैशर है-वह प्रैशर जब आपका हृदय रक्त को पम्प कर रहा होता है । दूसरा नम्बर आपका डायास्टोलिक प्रैशर है जो तब होता है जब आपका हृदय धड़कनों के बीच होता है । 120-139/80-89 एम.एम. एच.जी. से ऊपर का अर्थ है कि आपको हृदय संबंधी समस्या का खतरा है । जब आपका रक्तचाप हाई होता है तो आपकी रक्त वाहिनियों में प्रतिरोध अधिक होता है । इसके लिए आपके हृदय को प्रत्येक पम्प में रक्त संचार के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है । आगे चल कर इससे हृदय पर दबाव पड़ता है और आपको हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा रहता है ।

कैसे करें नियंत्रण : उच्च रक्तचाप को थायाजाइड डाईयूरैटिक्स, एस. इनहिबिटर्स या कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स जैसी दवाओं से नियंत्रित किया जाता है । साथ ही नमक के अपने सेवन तथा कसरत की भी जांच करें ।

ब्लड शूगर (70-100 एम.जी./ डी.एल, खाली पेट)
डायबिटीज चैक करने के लिए दो टैस्ट होते हैं- फास्टिंग ग्लूकोज तथा ए.आई.सी. । फास्टिंग ग्लूकोज आठ घंटे तक कुछ न खाने के बाद आपकी ब्लड शूगर की जांच करता है जबकि ए.आई.सी. टैस्ट (यह 5.7 प्रतिशत के नीचे होना चाहिए) आपको पिछले तीन महीने के ब्लड शूगर के ट्रैंड के बारे में बताता है । ब्लड शूगर की जांच में दोनों टैस्ट्स का इस्तेमाल होता है परंतु फास्टिंग ग्लूकोज टैस्ट में वे लोग सही जांच मिस कर सकते हैं  जिनकी शूगर खाने के बाद समस्या बन जाती है । हाई ब्लड शूगर आपकी रक्तवाहिनियों को नुक्सान पहुंचाता है जिससे हार्ट अटैक तथा स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है और गुर्दों तथा आंखों पर प्रभाव पड़ सकता है ।

कैसे करें नियंत्रण : कसरत तथा स्वास्थ्यवद्र्धक डाइट से ब्लड शूगर को नियंत्रण में किया जा सकता है, विशेष कर तब यदि आपके फास्टिंग ग्लूकोज टैस्ट में प्रीडायबिटिक रेंज 100-125 एम.जी./डी.एल.हों । कसरत की रूटीन को कार्डियो तथा लिफ्टिंग से बैलेंस करके आप इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

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