रामायण में गोस्वामी तुलसीदास ने बताएं है महिलाओं के ये अवगुण

Wednesday, Aug 10, 2016 - 10:24 AM (IST)

रामचरितमानस के एक दोहे में गोस्वामी तुलसीदास ने रावण व मंदोदरी के संवाद को माध्यम बनाकर महिलाओं के स्वभाव में शामिल अवगुणों के बारे में बताया है। श्री रामायण में वर्णित है जब भगवान राम अपनी सेना के साथ लंका पहुंच गए तो मंदोदरी भयभीत हो गई। अपने पति के प्राणों पर आए संकट को टालने के लिए वह रावण को समझाने का हर संभव प्रयास करने लगी। इस पर रावण ने मंदोदरी का उपहास करते हुए कहा कि-

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नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।

साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।

 

अर्थात स्त्रियों के स्वभाव में आठ ऐसी बातें हैं जो बहुत सारी स्त्रियों में समान रूप से होती हैं।

 

* स्त्रियां बहुत साहसी होती हैं इसलिए वह बहुत बार ऐसे काम कर जाती हैं जिससे बाद में उन्हें और उनके परिवार को पछताना पड़ता है। वह यह बात भली भांति नहीं जानती की कब और कैसे अपने साहस का प्रयोग करें। साहस दु:साहस में परिवर्तित हो जाए तो वह नुकसानदायक होता है।

 

* स्त्रियों में झूठ बोलने की प्रवृति आम होती है। जिससे उन्हें बहुत बार मुसिबतों का सामना करना पड़ता है। एक झूठ को छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं।   

 

* पुरूषों के अनुपात में स्त्रियां चुलबुले स्वभाव की होती हैं। उनके विचारों में समय के साथ परिवर्तन होता रहता है वह कभी एक धारा पर टिक नहीं पाती इसलिए वह बहुत बार सही निर्णय लेने में असमर्थ होती हैं।

 

* रावण मंदोदरी को कहता है स्त्रियां माया रचने में माहिर होती हैं। इस कला में पुरूष उन्हें कभी परास्त नहीं कर सकते। वह अपनी मायावी दुनियां में पुरूष को बांध कर उनसे मनचाहे काम करवा सकती हैं। जैसे आज तूने राम का डर बताते हुए मुझे सीता को वापिस करने के लिए बाध्य करना चाहा।

 

* स्त्रियों का बाहरी आवरण बहुत पराक्रमी होता है लेकिन भीतर से वह बहुत डरपोक होती हैं इसलिए बहुत बार वह बनते काम भी बिगाड़ देती हैं।

 

* कुछ परिस्थितियों में स्त्रियां स्वयं को सिद्ध करने के लिए ऐसे मूढ़ता वाले काम कर जाती हैं जिससे भविष्य में उन्हें पछताना पड़ता है।

 

* यदि स्त्रियां प्रचंड हो जाएं तो वह कभी भी कोमलता नहीं दिखाती। 

 

* रावण के अनुसार स्त्रियों में आठवीं कमी होती है की उनमें साफ-सफाई का अभाव होता है।  

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