जो काम उपाय से हो सकता है, वह पराक्रम से नहीं हो सकता
Wednesday, Oct 26, 2016 - 03:15 PM (IST)
* कई लोग अकेले इसलिए रह जाते हैं क्योंकि वे मित्रता का सेतु बनाने की बजाय शत्रुता की दीवारें खड़ी कर लेते हैं।
* अहंकारी मनुष्य को सही बात भी गलत लगती है। अहंकार मनुष्य को पतन की राह पर ले जाता है।
* मुंह लटका कर बैठ जाने से तो समस्या का हल नहीं निकलता अच्छे इंसान दुख को भी हंस कर टाल देते हैं।
* दूसरों की सहायता करने से तनाव दूर होता है और आयु भी लम्बी होती है। मन को प्रसन्नता भी मिलती है।
* विपत्ति में बहुत कुछ सीखने और समझने को मिलता है। ऐसा किसी और विद्यालय में नहीं मिलता।
* परिश्रम और भाग्य से जो मिले उसी में संतोष कर लें। यह आपके सुख की कुंजी है।
* बाधाएं समाप्त हो जाएंगी, उनके सामने घुटने टेकना छोड़ दें और निडरता से निपटने का मन बना लें।
* माता-पिता को अपनी संतान को देख कर कितनी खुशी होती है, यह बताया नहीं जा सकता-अनुभव किया जा सकता है।
* अपने गृहस्थ जीवन के उतार-चढ़ाव में प्रेम-प्यार-विश्वास से परिवार को एक सूत्र में पिरो कर रखें। भेदभाव न करें।
* वह व्यक्ति गरीब नहीं है जिसके पास थोड़ा-बहुत ही है। गरीब तो वह है, जो ज्यादा के लिए मरा जा रहा है।
* जो काम उपाय से हो सकता है, वह पराक्रम से नहीं हो सकता।
* जिस व्यक्ति के पास सहज बुद्धि है उसके पास सारी बुद्धि सुलभ है।
* हितकारी और मनोरम बातें दुर्लभ होती हैं।
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