प्रभात में आंखे खोलते ही करें इनके दर्शन, दरिद्रता और अज्ञान होगा दूर

punjabkesari.in Thursday, Jun 16, 2016 - 02:46 PM (IST)

जीवन में कामयाबी के पीछे दिनचर्या का बहुत बड़ा योगदान होता है। प्रभात में जब नींद्रा की तांद्रा टूटती है उसी समय से दिनर्चया का आरंभ हो जाता है। आंखे खोलते ही सर्वप्रथम अपनी दोनों हथेलियों को जोड़कर उनका दर्शन करें और इस मंत्र का उच्चारण करें।

 
कराग्रे वसते लक्ष्मि:, कर मध्ये सरस्वती। कर मूले तु गोविन्द:, प्रभाते कर दर्शनम्।।
 
सफलता के क्षितिज पर पहुंचने के लिए हथेली के अर्ग भाग में महालक्ष्मी आखिरी हिस्से में सरस्वती और हथेली के बीच में स्वयं भगवान श्री विष्णु विराजते हैं। इससे आत्मबल बढ़ेगा और सकारात्मक उर्जा का संचार होगा। भाग्य हाथों में ही लिखा होता है। हथेलियों के दर्शन के समय मन में संकल्प लें कि मैं परिश्रम कर दरिद्रता और अज्ञान को दूर करूंगा और अपना व जगत का कल्याण करूंगा।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News