जीवन को खुशहाल बनाने के लिए महात्मा बुद्ध के विचारों पर करें अमल

Sunday, Oct 16, 2016 - 02:53 PM (IST)

विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से एक बौद्ध धर्म की स्थापना करने वाले महात्मा बुद्ध का जन्म एक राजवंश में हुआ था लेकिन अपने आचार-विचार से वह एक शासक नहीं बल्कि संन्यासी ही थे। वे परिवार सहित अपना सारा राजपाट त्यागकर युवावस्था में ही बोध और मोक्ष की तलाश में घर से निकल गए थे। भगवान बुद्ध प्राणी हिंसा के सख्त विरोधी थे। महात्मा बुद्ध और बौद्ध धर्म के अनुयायी बुद्ध के विचारों और उनके कथनों को अपने जीवन का आदर्श बना चुके हैं। जानिए महात्मा बुद्ध के अनमोल विचार, जिन पर अमल करके जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। 

 

* एक सुराही बूंद-बूंद से भरती है

 

* सभी गलत कार्य मन से ही उपजते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाए तो क्या गलत कार्य रह सकता है।

 

* एक निष्ठावान और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए। क्योंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा।

 

* एक हजार खोखले शब्दों से एक शब्द बेहतर है जो शांति लाता है। 

 

* अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है। परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो। 

 

* अतीत पर ध्यान केन्द्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान क्षण पर ध्यान केन्द्रित करो। 

 

* आपको जो भी मिला है उसका अधिक मूल्यांकन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें। वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं उन्हें मन की शांति कभी प्राप्त नहीं होती।

 

* चतुराई से जीने वाले लोगों को मौत से भी डरने की जरूरत नहीं है।

 

* घृणा, घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है। 

 

* वह व्यक्ति जो 50 लोगों को प्यार करता है, 50 दुखों से घिरा होता है, जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है 

 

* स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष बड़ा धन तथा विश्वसनीयता सबसे अच्छा संबंध है। 

 

* क्रोधित रहना, किसी और पर फैंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्हीं को जलाता है। 

 

* आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें लेकिन जब तक उन पर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है।

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