इस योग के साए से मंडराती हैं जीवन में यह Problems, बचें इनके वार से

Tuesday, Apr 19, 2016 - 11:26 AM (IST)

अगर किसी की जन्मपत्री में कालसर्प योग है तो उसे घबराना नहीं चाहिए बल्कि निवारणार्थ उचित उपाय करना चाहिए। कालसर्प योग के प्रभाव से जीवन में निरंतर संघर्ष, विवाह अथवा संतान में देरी अथवा न होना, संतान का होकर मर जाना, जीवनसाथी का सदैव रोगी रहना तथा अनबन बना रहना, क्लेश प्रवृत्ति का होना, मेहनत के अनुरूप परिणाम न मिलना, कार्यक्षेत्र में उन्नति न होना, लगी-लगाई नौकरी छूट जाना, झूठे मुकद्दमे या लांछन में फंस जाना आदि अनेक फल प्राप्त होते हैं।
 
 
कालसर्प योग हमेशा अनिष्टकारी ही नहीं होता। कभी-कभी इसके प्रभाव से अत्यधिक उन्नति भी होती है। जन्मपत्रिका में अगर कालसर्प योग सकारात्मक हो तो बहुत अच्छे फल मिलते हैं। इसमें जातक संभावना (आशा) से अधिक उन्नति करता है।
 
 
* प्रत्येक संक्रांति को अपने घर में पहले गोमूत्र तथा उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करें।
 
 
* पूजा स्थल पर मोरपंख का पंखा रखें। रात को सोने से पहले और प्रात: उठने के बाद उस पंखे से अपने ऊपर हवा करते रहें।
 
 
* घर में बनी प्रथम रोटी पर थोड़ा-सा सरसों का तेल छींटकर काली गाय को एक माह तक नियमित खिलाते रहें।
 
 
* ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि, तन्नोसर्प: प्रचोदयात्।’ इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करते रहने  से कालसर्प का दोष कम होता है।
 
 
* नागपंचमी के दिन चांदी का नाग बनाकर शिवालय में जाकर चढ़ाने से कालसर्प का दोष कम होता है।
 
 
* स्वाति अथवा आद्र्रा नक्षत्र में शिव जी का अभिषेक करके चंदन के इत्र से तिलक करके एक नागकेशर का जोड़ा अर्पित करें। 
 
 
* प्रत्येक माह की चतुर्दशी तिथि को केले के पत्ते पर भोजन रख कर गरीबों को खिलाते रहें।
 
 
* नागपंचमी के दिन सपेरे को उचित मूल्य देकर नाग-नागिन के जोड़े को मुक्त कराएं। मुक्त कराने से पूर्व नाग-नागिन की पूजा अवश्य कर लें।
 
* काली कुतिया जिसने तुरंत बच्चे दिए हों को एक माह तक नियमित रूप से दूध पिलाते रहने पर कालसर्प का अशुभ योग दूर होकर शुभ फल देने वाले हो जाते हैं।
 
* बुधवार के दिन नीले कपड़े में थोड़ा-सा बाजरा, कच्चा कोयला, तथा नारियल (जटायुक्त) लपेट कर पांच बुधवार लगातार बहते जल में प्रवाहित करते रहने से कालसर्प योग का कुप्रभाव खत्म होकर शुभ की प्राप्ति होती है।
 

—आनंद कु. अनंत  

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