Tension और परेशानी के बंधन से मुक्ति पाएं

Tuesday, Sep 01, 2015 - 12:04 PM (IST)

मन को ही साधने में साधक को लम्बा और धैर्य का सफर तय करना होता है। इसलिए कहा गया है कि मन ही मोक्ष और बंधन का कारण है। मंत्र एक प्रकार की वाणी है, परंतु साधारण वाक्यों के समान वे हमें बंधन में नहीं डालते, बल्कि बंधन से मुक्त  करते हैं और बाधाओं का निराकरण करते हैं। यानी मन से ही मुक्ति है और मन ही बंधन का कारण है। 

शास्त्रों में मानसिक संताप, अशांति और बेचैनी को दूर रखने तथा छुटकारा पाने के लिए ही कुछ विशेष शिव मंत्रों के जप का महत्व बताया गया है। ये पौराणिक विशेष शिव मंत्र, जिसे शिवालय या घर के देवालय में शिव को गंध, अक्षत, फूल, धूप व दीप से पूजा कर मन ही मन बोलें : 

नमो रुद्राय महते सर्वेशाय हितैषिणे।

नंदीसंस्थाय देवाय विद्याभयकराय च।।

पापान्तकाय भर्गाय नमोनन्ताय वेधसे।

नमो मायाहरेशाय नमस्ते लोकशंकर।।

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