लोक सेवक द्वारा भ्रष्टाचार एक ‘बड़ी समस्या’, राष्ट्र के कामकाज पर इसका गहरा प्रभाव : अदालत
punjabkesari.in Thursday, Mar 30, 2023 - 08:46 PM (IST)

मुंबई, 30 मार्च (भाषा) मुबंई की एक विशेष अदालत ने आयकर विभाग की एक अधिकारी को 75,000 रुपये की रिश्वत मामले में सजा सुनाते हुए कहा कि लोक सेवक द्वारा किया जाने वाला भ्रष्टाचार एक ‘‘बड़ी समस्या’’ बन गया है और इसका पूरे देश के कामकाज पर ‘‘गहरा और व्यापक प्रभाव’’ पड़ता है।
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एम.आर. पुरवार ने बुधवार को प्रीता बाबूकुट्टन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध का दोषी ठहराया और 52 वर्षीय अधिकारी को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अधिकारी ने शुरुआत में शिकायतकर्ता की कर देनदारी तय करने के लिए मार्च 2015 में 1,30,000 रुपये की मांग की थी।
अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कहा था कि उसकी कर देनदारी करीब पांच लाख रुपये है और वह इसे घटाकर 55,000 रुपये करने की कोशिश करेगी, जिसके लिए उसने 1,30,000 रुपये की मांग की। बातचीत के बाद, उसने राशि को घटाकर 1,00,000 रुपये और बाद में 75,000 रुपये कर दिया।
हालांकि, शिकायतकर्ता मामले को सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के संज्ञान में लाया। इसके बाद आरोपी अधिकारी को 75,000 रुपये की रिश्वत राशि लेते पकड़ा गया।
अदालत ने गवाहों और अभियोजन पक्ष द्वारा पेश सबूतों की जांच के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगी और घूस की रकम प्राप्त की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एम.आर. पुरवार ने बुधवार को प्रीता बाबूकुट्टन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध का दोषी ठहराया और 52 वर्षीय अधिकारी को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अधिकारी ने शुरुआत में शिकायतकर्ता की कर देनदारी तय करने के लिए मार्च 2015 में 1,30,000 रुपये की मांग की थी।
अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कहा था कि उसकी कर देनदारी करीब पांच लाख रुपये है और वह इसे घटाकर 55,000 रुपये करने की कोशिश करेगी, जिसके लिए उसने 1,30,000 रुपये की मांग की। बातचीत के बाद, उसने राशि को घटाकर 1,00,000 रुपये और बाद में 75,000 रुपये कर दिया।
हालांकि, शिकायतकर्ता मामले को सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के संज्ञान में लाया। इसके बाद आरोपी अधिकारी को 75,000 रुपये की रिश्वत राशि लेते पकड़ा गया।
अदालत ने गवाहों और अभियोजन पक्ष द्वारा पेश सबूतों की जांच के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगी और घूस की रकम प्राप्त की।
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