महाराष्ट्र सरकार अहम मुद्दों की अनदेखी कर फिजूलखर्ची कर रही : अजित पवार
punjabkesari.in Sunday, Feb 26, 2023 - 08:07 PM (IST)

मुंबई, 26 फरवरी (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने रविवार को एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार पर आम लोगों और किसानों से जुड़ी समस्याओं की अनदेखी करते हुए फिजूलखर्ची करने का आरोप लगाया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता पवार राज्य विधानमंडल के बजट सत्र शुरु होने से एक दिन पहले यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार आम आदमी की समस्याओं का हल करने के बजाय अपना मुस्कुराता चेहरा दिखाने के लिए करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची कर रही है। हमने ‘‘हाई टी’’ (जलपान कार्यक्रम) के निमंत्रण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसके बजाय, हम महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस से मिलेंगे और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे।’’
पवार ने कहा, "राज्य सरकार ने पिछले कुछ महीनों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की थी, लेकिन यह राशि अब तक प्रभावित लोगों या योजनाओं के लाभार्थियों तक नहीं पहुंच सकी है।’’
उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ रही है जिससे कृषि कार्यों में लागत बढ़ गई है लेकिन कृषि उपजों को बाजार में अच्छी कीमत नहीं मिल रही है।
उन्होंने घोषणा की कि विपक्षी दल सत्र शुरू होने के एक दिन पहले, शिंदे सरकार द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता पवार राज्य विधानमंडल के बजट सत्र शुरु होने से एक दिन पहले यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार आम आदमी की समस्याओं का हल करने के बजाय अपना मुस्कुराता चेहरा दिखाने के लिए करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची कर रही है। हमने ‘‘हाई टी’’ (जलपान कार्यक्रम) के निमंत्रण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसके बजाय, हम महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस से मिलेंगे और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे।’’
पवार ने कहा, "राज्य सरकार ने पिछले कुछ महीनों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की थी, लेकिन यह राशि अब तक प्रभावित लोगों या योजनाओं के लाभार्थियों तक नहीं पहुंच सकी है।’’
उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ रही है जिससे कृषि कार्यों में लागत बढ़ गई है लेकिन कृषि उपजों को बाजार में अच्छी कीमत नहीं मिल रही है।
उन्होंने घोषणा की कि विपक्षी दल सत्र शुरू होने के एक दिन पहले, शिंदे सरकार द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं।
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